भागलपुर: डीएम प्रणव कुमार ने एक बार फिर एनएच के अभियंताओं को सड़क के गड्डों की याद दिलाई है। एनएच-80 पर जीरोमाइल से आगे मरम्मत कार्य नहीं होने पर डीएम ने नाराजगी जताई है। डीएम ने सड़क मरम्मत से संबंधित पूरी जानकारी उपलब्ध कराने का निर्देश एनएच के अभियंता को दिया और कहा कि लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जून में भी डीएम ने एनएच के अभियंता को सड़क मरम्मत का कार्य कराने का निर्देश दिया था।
समीक्षा के दौरान डीएम ने एनएच के अभियंता को याद दिलाया कि जीरोमाइल से आगे एनएच चलने लायक नहीं है। लोगों के आवागमन में काफी परेशानी हो रही है। उन्होंने एनएच के इंजीनियर को तत्काल मरम्मत कार्य पूरा करने का निर्देश दिया। इंजीनियर ने बताया कि मरम्मत का काम मंगलवार से शुरू कर दिया जाएगा। चम्पानगर-तिलकामांझी सड़क के बारे में बताया गया कि सीएमएस स्कूल के पास सड़क नहीं बनने से आवागमन में परेशानी हो रही है। इंजीनियर ने बताया कि बिजली के पोल के चलते काम बाधित है। पूर्व में पोल को हटाने को कहा गया था। पोल हटने के बाद ही काम शुरू हो पाएगा। डीएम ने बिजली विभाग के इंजीनियर को तत्काल पोल को दूसरी जगह शिफ्ट करने का निर्देश दिया। सामानांतर पुल के बारे में बताया गया कि रैयतों को नोटिस भेजा जा रहा है। मुआवजा भुगतान करने के बाद जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।
नहीं हटा सड़क किनारे से अतिक्रमण
एनएच-80 से अभी तक अतिक्रमण नहीं हटा। डीएम ने सबौर से ममलखा के बीच एनएच-80 से अतिक्रमण हटाने का आदेश जून में दिया था। डीएम ने जीरोमाइल से घोघा तक उखाड़कर नए सिरे से सड़क बनाने और एनएच-80 को दस मीटर चौड़ी करने से संबंधित प्रस्ताव भी मांगा था। डीएम ने एनएच के कार्यपालक अभियंता से कहा था कि जीरोमाइल से घोघा तक सड़क निर्माण होने के बाद क्षतिग्रस्त हो जाता है। सड़क की चौड़ाई कम रहने के कारण जाम की स्थिति बनी रहती है। उन्होंने पूछा था कि आपके द्वारा एनएच के 10 मीटर चौड़ीकरण करने से संबंधित प्रस्ताव तैयार किए जाने की सूचना दी जाती रही है।
यह भी अवगत कराया जाता रहा है कि उक्त मार्ग में मिट्टी धंसान होने के कारण सड़क बार-बार क्षतिग्रस्त हो रहा है। उन्होंने निर्देश दिया था कि वर्तमान में सड़क के अत्यधिक क्षतिग्रस्त होने के कारण 10 मीटर चौड़ीकरण के प्रस्ताव की प्रगति से संबंध में तत्काल अवगत कराया जाए। वर्तमान में जीरोमाइल से घोघा जाने के लिए गोराडीह-सन्हौला होते हुए वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध रहने के कारण क्यों नहीं सबौर से घोघा तक उक्त सड़क को पूर्णरूप से उखाड़कर उच्च गुणवत्ता के साथ नई सड़क का निर्माण किया जाए। इससे संबंधित प्रतिवेदन उपलब्ध कराई जाए, ताकि आगे की कार्रवाई हो सके।