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नवगछिया – गोपालपुर थानाक्षेत्र के अभिया गांव में बीएमपी जवान के पुत्र और बीएसएफ जवान की पत्नी शिल्पी के रहस्यमय मौत मामले में राहुल के पिता प्रमोद मंडल समेत उनके परिजन अब तक कि पुलिस जांच से संतुष्ट नहीं हैं. मालूम हो कि पुलिस को मिले सुसाइड नोट, प्रयुक्त कॉपी और इलेक्टॉनिक एविडेन्स के आधार पर अब तक की कहानी यह है कि राहुल ने शिल्पी की हत्या कर खुद को गोली मार ली थी. हालांकि पुलिस अभी किसी भी निष्कर्ष पर नहीं पहुंची है लेकिन दूसरी ओर अब तक हुए छानबीन के आधार पर राहुल के परिजनों का कहना है कि जांच पूरी तरह से अपारदर्शी है और दो हत्याकांड के मामले को पुलिस आत्महत्या बता कर केस क्लोज करना चाह रही है.

इस क्रम में राहुल के चाचा अमित कुमार भारती ने नवगछिया एसपी को एक लिखित आवेदन देकर कई तरह के सवाल उठाए हैं और कई तरह के आरोप भी लगाए है. अमित भारती का कहना है कि शिल्पी के ससुर अभिमन्यु मंडल ने दर्ज किए गए प्राथमिकी में बयान दिया है कि घटना की रात उसके घर पर सिर्फ उसका दामाद गुड्डू ही मौजूद था जबकि सच्चाई यह है की घटना की रात उसके घर पर आठ और लोग थे. जिसमें करारी तीनटेंगा गोपालपुर के मदन मंडल, झौवा बहियार हिरणमार मुंगेर के पिंटू मंडल, जिनके साथ चार और लोग थे. इस्माइलपुर थाना के लक्ष्मीपुर निवासी गुड्डू मंडल, राघोपुर खरीक के पंकज कुमार भी थे. राहुल के चाचा ने संदेह व्यक्त करते हुए कहा है कि घटना की रात यह लोग वहां किस लिए पहुंचे थे और अभिमन्यु मंडल ने अपने बयान में सच्चाई को क्यों छुपा लिया यह भी जांच का विषय है. सुसाइड नोट के पीछे राहुल के परिजनों की कहानी है कि राहुल को घटना की रात जब कब्जे में लिया गया तो उसे हनीट्रैप कर एक कॉपी के साथ बुलाया गया था. जब राहुल कॉपी के साथ अभिमन्यु मंडल के परिजनों के बीच पहुंचा तो परिजनों ने उसे कब्जे में ले लिया और जबरदस्ती एक सुसाइड नोट लिखवा दिया और उस कॉपी को फिर से राहुल के घर भिजवा दिया जबकि राहुल के साथ शिल्पी को कब्जे में लेकर उसकी हत्या कर दी गई.

परिजनों का कहना है कि पूरी घटना में सुसाइड नोट और देसी कट्टा के साथ खोखे को बाद में रखा गया गया है. परिजनों का पुलिस पर आरोप है कि घटना के दिन पुलिस ने यह नहीं बताया कि राहुल के जेब से सुसाइड नोट भी मिला है. घटना के एक दिन बाद यह पता चलता है कि राहुल का सुसाइड नोट मिला है. जबकि घटना स्थल पर पुलिस द्वारा बनायी गयी जब्ती सूची में सुसाइड नोट का जिक्र किया है. राहुल के परिजनों ने लिखित आवेदन में कहा है कि पुलिस ने एक सादे कागज पर गवाहों से हस्ताक्षर करवाया है. राहुल के परिजनों का यह भी कहना है कि अब तक पुलिस ने उन लोगों को सुसाइड नोट देखने के लिए भी नहीं दिया है ताकि वे लोग मिलान कर सके हैं कि वास्तव में उक्त सुसाइड नोट में राहुल की लिखावट है या किसी और की लिखावट है. परिजनों ने पुलिस की जांच और घटनास्थल से मिले साक्ष्यों पर बिंदुवार सवाल उठाते हुए पुलिस से मामले में निष्पक्ष जांच करने की अपील की है.

एसडीपीओ ने कहा

अभी पुलिस किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंची है लेकिन प्रारंभिक साक्ष्यों के आधार पर लग रहा है कि मामला आत्महत्या का है. फॉरेंसिक रिपोर्ट और अन्य तथ्य आने अभी बाकी है. हर एक शक संदेह को दूर किया जाएगा.

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