भागलपुर के मायागंज अस्पताल के सेंट्रलाइज्ड ब्लड सैंपल कलेक्शन सेंटर पर सोमवार को मरीजों ने जमकर हंगामा किया. दोपहर दो बजे के बाद दूसरे शिफ्ट में ब्लड सैंपल देने के लिए 125 से ज्यादा मरीज बचे थे, लेकिन सैंपल लेने के लिए एक भी नर्स नहीं थी. जिसके बाद ओपीडी के मरीजों ने ब्लड जांच की मांग को लेकर हंगामा कर दिया. हंगामे की सूचना मिलने पर नर्सिंग सुपरिंटेंडेंट रीवा कुमारी सेंटर पर पहुंचीं. तो पता चला कि तीन नर्स ड्यूटी से गायब थीं. इसके बाद दोपहर तीन बजे से मानव बल बुलाकर ब्लड सैंपल लिया गया. हालांकि देरी होने के कारण करीब 25 मरीज घर लौट गए.
ब्रेक के बाद गायब हो गईं नर्स
जानकारी के अनुसार खून का सैंपल लेने के लिए चार स्टाफ नर्स की ड्यूटी सुबह दस बजे से लेकर शाम छह बजे तक लगी थी. जिसमें एक नर्स सोमवार को छुट्टी पर थी, जबकि तीन नर्स की ड्यूटी थी. इन लोगों ने सुबह 10 बजे से लेकर दोपहर दो बजे तक ओपीडी के मरीजों के खून का सैंपल लिये, लेकिन ब्रेक के बाद तीनों गायब हो गयीं.
ओपीडी में इलाज कराने आये 2469 मरीज, पैर रखने की भी जगह नहीं
छठ पर्व और रविवार की छुट्टी के बाद सोमवार को मायागंज और सदर अस्पताल के ओपीडी में इलाज के लिए मरीजों की भीड़ उमड़ पड़ी. मायागंज अस्पताल में दो शिफ्ट में 2469 मरीजों का इलाज किया गया. ओपीडी परिसर में मरीजों के परिजनों की संख्या मरीजों की संख्या से अधिक थी. ओपीडी के रजिस्ट्रेशन काउंटर पर लगी कतार भवन के मुख्य गेट से बाहर तक पहुंच गयी थी.
परिसर में खड़े होने तक की जगह नहीं थी. एक मरीज को पर्चा बनवाने और डॉक्टर से इलाज कराने में दो से तीन घंटे लग जा रहे थे. भीड़ के कारण ओपीडी भवन के अंदर हो रही उमस भी लोगों को परेशान कर रही थी.रजिस्ट्रेशन काउंटर के अलावा डॉक्टर चेंबर, दवा काउंटर, अल्ट्रासाउंड व एक्सरे जांच समेत पैथोलॉजी जांच के लिए मरीज घंटों खड़े रहे.
सदर अस्पताल में डेढ़ हजार मरीजों का हुआ इलाज
सदर अस्पताल में भी दो पालियों में डेढ़ हजार से अधिक मरीजों का इलाज हुआ. मरीज और परिजन की कतार को व्यवस्थित करने में सुरक्षा गार्ड लगे रहे. अस्पताल प्रबंधन के अनुसार सोमवार से गुरुवार तक इलाज कराने काफी संख्या में मरीज आते हैं.