

भागलपुर में वर्षों से ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा की मांग की जा रही है। चुनाव पूर्व कैबिनेट में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट का प्रस्ताव पास हुआ है और जिलाधिकारी ने 692 एकड़ जमीन चयन कर रिपोर्ट बिहार सरकार को भेजा है। 692 एकड़ में से 284 एकड़ जमीन गौशाला और बिहार सरकार की है, जबकि 408 एकड़ जमीन आम लोगों की है। गोराडीह के मोहनपुर पंचायत के पुन्नख मौजा, सरकार अमानत मौजा, खरवा मौजा, और चौमुख मौजा की जमीन चिन्हित की गई है।

यहां के सैकड़ों लोगों का आरोप है कि गौशाला के बाद उनकी जमीन चयन की गई है और किसी से बातचीत नहीं की गई है। चयनित खेतों में तीन-तीन फसलें उपजती हैं और लोग भूमिहीन हो जाएंगे। ग्रामीणों का कहना है कि वे एयरपोर्ट चाहते हैं लेकिन नियमों के अनुसार जमीन का चयन किया जाए।

एमएलसी राजवर्धन आज़ाद ने इन लोगों से मुलाकात की और उनकी समस्याओं को सुना। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री और जिलाधिकारी से बात हुई है और जिनकी जमीन जाएगी, उनके मुआवजे के बारे में भी चर्चा हुई है। आने वाले दो साल में एयरपोर्ट बन जाना चाहिए और यह मुद्दा इस बार हवा-हवाई नहीं रहेगा।

सिल्क सिटी भागलपुर में सिल्क को बढ़ावा देने के लिए, जीआई टैग प्राप्त उत्पाद जर्दालु आम और कतरनी धान के आयात के लिए, प्राचीन विक्रमशिला विश्वविद्यालय, अजगैबीनाथ धाम, और बेहतर व्यापार के लिए हवाई सेवा की दरकार है। पुराने हवाई अड्डा से हवाई सेवा शुरू नहीं हो सकती है, इसलिए ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट की मांग की जा रही थी। वर्षों बाद जमीन चयन हुआ है, अब देखना बाकी है कि कब तक यहां से हवाई सेवा की शुरुआत होती है।