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नवगछिया – ग्रामीण स्तर से गुवारीडीह टीले पर सर्च अभियान चलाकर पुरावशेषों को इकट्ठा करने वाले अविनाश कुमार के प्रेरणा स्रोत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं.

अविनाश कहते हैं कि एक समय जब मुख्यमंत्री विकास यात्रा पर बराबर जा रहे थे तो उस समय यात्रा के क्रम में ही एक जगह पर उन्होंने एक टीले की खुदाई का निर्देश दिया तो उससे कई पुरानी चीजें निकली थी और वह इलाका लोगों के नजरों में आ गया.

अविनाश ने कहा कि अखबार में खबर देखने के बाद उसके मन में विचार आया कि उनके जमीन पर भी एक टीला है, हो सकता है कि उस टीले पर भी पुरावशेष हो. इसके बाद अविनाश ने कुछ ग्रामीण मित्रों की सहायता से सर्च अभियान शुरू किया और देखते ही देखते कई महत्वपूर्ण पुरावशेषों को सहेज लिया.

33 वर्षीय अविनाश ने जेपी कॉलेज से इंटर तक की पढ़ाई की है. इसके बाद अविनाश सेना भर्ती और अन्य प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करते रहे. जब बात नहीं बनी तो एक मुर्गी फार्म खोल लिया. अविनाश बताते हैं कि मुर्गी फार्म से दाल रोटी लायक कमाई तो हो जाती है लेकिन इससे जीवन का गुजारा संभव नहीं है. कभी मुनाफा हुआ तो बहुत अच्छा और घाटा लगा तो कमर ही टूट जाती है.

शुरुआती दिनों में जब अविनाश ने पुरावशेषों को इकठ्ठा करना शुरू किया तो लोग मजाक उड़ाते थे. कहते थे इसको भी अब कोई काम नहीं बचा है और झिटकी खपड़ा चुनने लगा है.

अविनाश कहते हैं कि उसने जहां तक इतिहास की प्रारंभिक जानकारी ली थी तो वे जानते थे कि जो सामान टीले से मिल रहे हैं. वह कोई साधारण सामान नहीं है. अविनाश में पुरावशेषों को इकट्ठा करने का जुनून है और इसी जुनून ने सुबे के मुख्यमंत्री को गुवारीडीह खींच लाया और अविनाश को भी चर्चित बना दिया.

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