भागलपुर। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की भागलपुर से अपनी प्रगति यात्रा के दूसरे चरण की शुरुआत हुई। इस यात्रा में मुख्यमंत्री के साथ उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, सांसद, जिले के कई विधायक और अन्य महत्वपूर्ण नेता शामिल थे। इस दौरान भागलपुर में मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में भाग लेने के बजाय गोपालपुर के विवादास्पद जदयू विधायक गोपाल मंडल ने एक अप्रत्याशित कदम उठाया और दिल्ली का रुख किया। वहां उन्होंने कांग्रेस सांसद पप्पू यादव से मुलाकात की, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई और राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी।
गोपाल मंडल और पप्पू यादव की मुलाकात की तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गईं, जिनमें दोनों नेता मुस्कुराते हुए नजर आ रहे हैं। पप्पू यादव ने फेसबुक पर पोस्ट करते हुए लिखा, “भागलपुर के माननीय विधायक श्री गोपाल मंडल जी आज दिल्ली आवास पर मुलाकात के लिए पधारे थे। विभिन्न विषयों पर उनसे बातचीत हुई।” जैसे ही यह पोस्ट वायरल हुई, सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं की झड़ी लग गई और कई लोगों ने इस मुलाकात को लेकर सवाल उठाए।
यह मुलाकात कई राजनीतिक विश्लेषकों के लिए चिंता का विषय बन गई है, क्योंकि गोपाल मंडल की छवि जदयू में एक विवादास्पद नेता के रूप में रही है। उनकी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ रिश्ते में खटास की चर्चा पहले भी रही है। कुछ लोगों का मानना है कि गोपाल मंडल भविष्य में जदयू से अलग होकर किसी अन्य पार्टी से जुड़ सकते हैं। राजनीतिक जानकारों के मुताबिक, यह मुलाकात जदयू में उनकी असंतुष्टि का इशारा हो सकती है।
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गोपाल मंडल का पक्ष
गोपाल मंडल ने इस मुलाकात को लेकर स्पष्ट किया कि उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर दिल्ली के बुरारी विधानसभा चुनाव में पार्टी के प्रचार के लिए वहां जाने का निर्णय लिया था। उन्होंने कहा, “मैं पप्पू यादव से मुलाकात करने उनके आवास पर गया था और उन्हें जदयू में शामिल होने का निमंत्रण दिया।”
गोपाल मंडल की इस मुलाकात के राजनीतिक परिणामों को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं। कुछ लोग इसे आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों से जोड़कर देख रहे हैं। उनका मानना है कि अगर गोपाल मंडल और पप्पू यादव के बीच संबंध मजबूत होते हैं तो जदयू को भविष्य में इसका नुकसान हो सकता है। वहीं, कुछ लोग इसे महज एक सामान्य मुलाकात मान रहे हैं, जो बिहार के राजनीतिक घटनाक्रम में कोई बड़ा बदलाव नहीं लाएगी।
इस बीच, गोपाल मंडल की इस मुलाकात ने राजनीतिक हलकों में बहस को जन्म दिया है और लोग यह जानने के लिए उत्सुक हैं कि आगे चलकर यह घटनाक्रम किस दिशा में मुड़ता है।