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भारत के प्रथम स्वतंत्रता सेनानी शहीद तिलकामांझी की 239 वाँ शहादत दिवस मड़वा पूरव पंचायत के सार्वजनिक पुस्तकालय औलियाबाद में मनाया गया. पुस्तकालय कोर कमेटी के उपसचिव अभिषेक आनंद के द्वारा शहादत दिवस पर श्रद्धांजलि सभा व विचार गोष्ठी कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का संचालक करते हुए अभिषेक आनंद ने कहा बाबा तिलकामांझी गरीबों, किसानो के सहयोगी क्रन्तिकारी थे.वे उन्हें अंग्रेजी अत्याचार से बचाए रखते थे. साथ ही उनका कहना यह भी हुआ की वह देश के पहले स्वतंत्रता सेनानी हुए पर उनको अभी तक देश के इतिहासकारों ने सम्मान के साथ यह स्थान नहीं दिया हैं. जबकि आज हमारा देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है. कार्यक्रम में अपनी संवेदना को व्यक्त करते हुए छात्र सुजीत कुमार सुमन ने कहा कि यह बहुत दुखत हैं की शहीद तिलकामांझी के वीरता को ऐतिहासिक रूप देने के लिए अभी तक शहीद तिलकामांझी स्मारक को अतिक्रमण मुक्त करके नई रुपरेखा नहीं दी गई हैं,

जबकि अंग्रेजी हुकूमत के कलेक्टर क्लीवलैंड जिसको तिलकामांझी ने तीर से मार गिराया था उनके नाम भागलपुर में स्मार्ट सिटी योजना के तहत क्लीवलैंड मेमोरियल स्मारक का निर्माण कराया गया हैं. हालांकि 90 के दशक में तिलकामांझी विश्वविद्यालय का निर्माण भागलपुर में कराया गया हैं परन्तु अभी विश्वविद्यालय में शहीद तिलकामांझी के विषयों के बारे में पढ़ाई नहीं होती हैं.आयोजन की रूपरेखा को अंतिम रूप कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे बिहारी कुमार सिंह ने शहीद तिलकामांझी के चित्र पर पुष्पअर्पित कर श्रद्धांजलि देकर की.कार्यक्रम को सफल बनाने में मौके पर गुड्डू निषाद, जयहिंद सिंह, सौरभ कुमार, छोटु निषाद, आनंद कुमार , निखिल कुमार ,अभिषेक निषाद , लक्ष्मण कुमार, ऋषव निषाद और कई छात्र काफी संख्या में उपस्थित रहे .

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