नारायणपुर – प्रखंड के कृष्ण मंदिर परिसर स्थित पंचमुखी हनुमान मंदिर प्रांगण में चल रहे दिव्यज्योति जागृति संस्थान द्वारा आयोजित पांच दिवसीय श्री हरि कथा संपन्न हो गया। श्री हरि कथा के अंतिम दिन सर्वश्री आशुतोष महाराज जी के शिष्या साध्वी अमृता भारती जी ने कहा कि पुर्ण गुरु की पहचान है ब्रम्हज्ञान। धर्म अंधी आस्था पर खड़ा नहीं होता। प्रत्यक्ष अनुभूति पर आधारित धर्म ही वास्तविक धर्म है। क्योंकी महात्मा बुद्ध ने कहा मैंने उस बोधिसत्व का साक्षात्कार किया है।संत कबीर ने स्पष्ट रूप से कहा कि सुना सुनी की बात नहीं,देखा देखी की बात।पुर्ण सतगुरु ब्रह्मज्ञान द्वारा जिज्ञासुओं को अंतरधट में ईश्वर का दर्शन करवाते हैं। सूरमा भक्त सूरदास जी ने गुरु वल्लभाचार्य जी के शरणागति में जाकर श्रीहरि का दर्शन दिव्य दृष्टि द्वारा प्राप्त किया और प्रभु महिमा का गायन किया। सूरदास जी अपनी रचनाओं में बताते हैं कि मैंने समाज को जो ज्ञान दिया वह गुरु का दिया हुआ प्रसाद वितरित किया है। गुरु जीवन में ना आते तो सूर का जीवन अंधकारमय ही रह जाता, गुरु ने मेरे जीवन के बाहरी और भीतरी दोनों तरह के अंधेरा को दूर किया। शिष्य स्वामी धनंजयानंदजी ने कहा कि भगवान शिव ने गुरु गीता में सात प्रकार के गुरुओं का वर्णन किया और पार्वती जी से कहा कि हे देवी जिस प्रकार सभी जलाशय में सागर राजा होता है उसी प्रकार सभी गुरुओं में परम गुरु राजा है। और मैं शिव स्वयं ऐसे परम गुरु जो मुझ शिव तत्व का दर्शन करा दे उन्हें कोटि-कोटि वंदन करता हूं। क्योंकि ऐसे परम गुरु प्रचलित दीपक होते हैं जो सभी जिज्ञासुओं के अंतर्गत के दीपक को ज्ञान के प्रकाश से प्रकाशित कर देते हैं क्योंकि एक जलता हुआ दीपक ही बुझे हुए दीपक को जलाने का समर्थ रखता है। कार्यक्रम को सफल बनाने में क्षेत्र वासियों का सराहनीय योगदान देखा गया।कथा को श्रवण को लेकर आसपास के विभिन्न गॉव के श्रद्धालुओ का तांता लगा रहा।समाजसेवी सुदामा साह के द्वारा दिव्य ज्योति संस्थान के सभी सदस्य को अंगवस्त्र से सम्मानित किया गया।
नारायणपुर में पाँच दिवसीय श्री हरि कथा का हुआ समापन ||GS NEWS
नवगछिया नारायणपुर बिहार भागलपुर February 12, 2024Tags: narayanpur me