नारायणपुर प्रखंड के मधुरापुर बाजार में लंबे समय से चल रहा अवैध क्लिनिक एवं अल्ट्रासाउंड सेंटर का भागलपुर सीएस डा.उमेश शर्मा ने छापेमारी कर मंगलवार को जॉच के दौरान भंडाफोड़ किया। मालूम हो की शनिवार की रात्रि गर्भवती लहेरी खातुन के सीजेरियन ऑपरेशन के दौरान उज्जवल क्लीनिक मधुरापुर में बच्चे की मौत पर रविवार को परिजन एवं ग्रामीणों ने जमकर हंगामा कर आरोप लगाया की मधुरापुर बाजार के प्राइवेट क्लिनिक में बराबर सीजेरियन ऑपरेशन के नाम पर मरीज के शोषण के साथ मनमाना रूपया वसूल किया जाता है ऑपरेशन के दौरान गंभीर स्थिति में डाक्टर रेफर कर देते है यहॉ दो बार फर्जी क्लीनिक पर कार्यवाही क़े लिए हंगामा किया था।
इस बात की जानकारी सीएस को अखबार के माध्यम से मिला और उन्होंने मामले का संज्ञान लेते हुए जांच पड़ताल शुरू करते हुए मंगलवार को उज्जवल क्लीनिक पहुंचकर पीएचसी नारायणपुर के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ विनोद कुमार के साथ जॉच किया तो उज्जवल क्लीनिक मधुरापुर के संचालक फरार थे। क्लीनिक के बोर्ड पर जितने भी डॉक्टर का नाम अंकित था सभी गायब मिले जांचोउपरांत पाया गया कि क्लीनिक पंजीकृत नहीं है।अवैध तरीके से यहां सर्जरी का काम होता है। इससे पूर्व भी उज्जवल क्लीनिक में एक बार सिजेरीयन के समय बच्चा की मौत और एक गर्भवती महिला का सिजेरीयन में महिला की मौत होने का मामला प्रकाश में आया था। हालांकि वह मामला क्लीनिक संचालक की तरफ से दबा दिया गया था। क्लीनिक के कर्मी सरियम ने पुछताछ में सीएस को बताया की लहेरी खातुन यहां एडमिट हुई थी। इसके बाद सीएस ने क्लिनिक के ओटी को देखा और कहा कि गन्दा ओटी में ऑपरेशन कैसे होता है, इससे संक्रमण का खतरा रहता है।यह मानवता के साथ खिलवाड़ हो रहा है उन्होंने कहा कि क्लीनिक के संचालक के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर क्लिनिक को सील किया जाएगा। छापेमारी के दौरान मधुरापुर के अल्ट्रासॉउन्ड संचालक दुकान बंद करके फरार था। बताया गया की चार फर्जी अल्ट्रासाउंड सेंटर संचालक के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर अल्ट्रासाउंड सेंटर को बंद किया जाएगा। जांच क़े समय क्लीनिक को बंद करने कहा गया। दुसरी और उज्जवल क्लिनिक के बाद सिविल सर्जन महर्षि मेंही नर्सिंग होम गए तो वहॉ का ओटी देखकर सिविल सर्जन हैरत में पड़ गए वहॉ लकड़ी क़े बेंच पर ऑपरेशन करने के लिए स्ट्रक्चर तैयार किया गया था। वहां के एक कर्मी से सीएस ने पूछा तो उस कर्मी ने बताया कि रणविजय कुमार का क्लीनिक है। सीएस द्वारा पुछा गया की क्या यह क्लीनिक पंजीकृत है।
इसका संतोषजनक जवाब उन्होंने सीएस को नहीं दिया गया तो सीएस ने कहा कि क्लिनिक को बंद करो। किसी भी क्लीनिक या नर्सिंग होम में सिजेरियन, बच्चादानी, हिरनिया,अपेंडिक्स का ऑपरेशन नहीं होगा। क्लीनिक के बोर्ड पर जितने भी डॉक्टर का नाम था वहां एक भी डॉक्टर नहीं पाया गया। वहां से सीएस मदर्स हेल्थ केयर मधुरापुर गए। मदर्स हेल्थ केयर का मुख्य दरवाजा बंद था तो सीएस आग बबूला हो गए।
उन्होंने कहा कि क्लीनिक बंद करके फरार होने वाला नहीं बचेगा। कहा कि कुल 5 फर्जी क्लिनिक और चार अल्ट्रासाउंड सेंटर है सभी के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करके सभी को सील किया जाएगा। अल्ट्रासाउंड संचालक भी अल्ट्रासाउंड सेंटर बंद करके फरार पाया गया। उन्होंने कहा कि इस तरह का अवैध क्लिनिक और अल्ट्रासाउंड सेंटर बर्दाश्त योग्य नारायणपुर में नहीं है। सीएस से जब पूछा गया कि जांच क़े बाद चर्चा यह होती है कि सीएस कार्यालय मैनेज हो जाता है तो कहा की मैनेजमेंट फार्मूला क्या है। तो सीएस द्वारा कहा कि यह चर्चा गलत है। सीएस कार्यालय में किसी भी प्रकार का मैनेज नहीं होता है।न ही यहॉ मैनेजमेंट फार्मूला नहीं चलता है,इसलिए अर्थात प्राथमिकी और कार्रवाई निश्चित समझा जाए।