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शराब, स्मैक, गाजा, चरस, कोरेक्स का धरल्ले से खुलेआम चलता है काला कारोबार

स्थानीय प्रशासन मौन

नवगछिया। बिहपुर थाना क्षेत्र के विभिन्न गांव मोहल्लों में इनदिनों नशे का कारोबार खूब धड़ल्ले से चल रहा है, जिसकी चपेट में बड़ी संख्या में युवा फंस रहे है। आज के समय में यह इलाका पूर्णतः नशे के कारोबार में संलिप्त हो चुकी है। सूत्रों के मुताबिक बिहपुर से नशीले पदार्थों की खरीदारी करने के लिए विभिन्न जगहों से लोग आते है। जिस कारण आज के समय में बिहपुर की स्थिति बेहद ही खराब हो चुकी है। कई घरों से नशीले पदार्थों की बिक्री धड़ल्ले से हो रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार बिहपुर में हर प्रकार के नशीले पदार्थों की अवैध खरीद फरोख्त होती है लेकिन सब कुछ जानते हुए भी प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नही दे रहा। प्रशासन की इस बड़ी लापरवाही से सैकड़ो युवा इसका शिकार हो रहे है। नशे के इन अवैध कारोबारियों के हौसले इतने बुलंद हो गए है की अब इनमे पुलिस का भी कोई भय नहीं है। जिसका सीधा कारण हो सकता है की इसमें पुलिस प्रशासन की कोई मिली भगत हो। क्योंकि बिना पुलिस के सहयोग से अवैध नशे का कारोबार पैर पसारने में असमर्थ है। शराबबंदी के बाद बिना जांच पड़ताल के बेची जा रही अवैध शराब, स्मैक, गाजा, चरस, कोरेक्स इत्यादि के दुष्प्रभाव से समाज खोखला हो रहा है। क्षेत्र में लगातार हो रही अपराधिक घटनाओं से नशे का सीधा ताल्लुक है। आए दिन क्षेत्र में चोरी, छिनतई जैसी की घटना हो रही है, जिसमें अधिकांस आरोपियों ने कबूला है कि वह नशे के आदि है तथा नशे की लत को पूरा करने के लिए ही छोटे-छोटे अपराधों को अंजाम देते है जो कि अपराधिक घटनाओं में वृद्धि का मुख्य कारण भी है। वहीं चोरी, छिनतई, सट्टेबाजी, हिस्ट्रीशीटर, फरार, वांछित, अवैध वाहन व शराब एवं स्मैक तस्करी के अधिकतर अपराधी इस इलाके के निवासी ही रहे है जो पुलिस के हत्थे चढ़े है। सनद हो कि बिहपुर में नशा के साथ-साथ अपराध तेजी से अपने पैर पसार रहा है जो की गंभीर चिंता का विषय है। तेजी से बढ़ रहे इन जानलेवा रोगों को रोकने में कहीं ना कहीं पुलिस भी नाकामयाब साबित होती दिख रही है। जिससे निरंतर अपराधों की संख्या में बढ़ोतरी देखी जा रही है। वही निरंतर बाहरी लोगों की संख्या बढ़ने से अपराध की दरों में भी बढ़ोतरी हो रही है। बाहरी व्यक्तियों को बिहपुर में रहने का ठिकाना तो मिलता है परंतु पेट पालने के लिए फिर वह व्यक्ति अपराध का सहारा लेता है। क्षेत्र वासियों की मांग है की नशा का कारोबार जल्द से जल्द बंद किया जाए अन्यथा आने वाली पीढ़ी पर इसका बेहद ही दुष्प्रभाव पड़ेगा, साथ ही मांग है कि बाहरी व्यक्तियों का भी सत्यापन हो।

नशा बन रहा अपराध की मुख्य वजह

तेजी से बढ़ते इन अपराधों का सीधा संबंध नशे से है। नशे के कारण ही नवगछिया पुलिस जिले के अन्य थाना क्षेत्रों मे भी आपराधिक गतिविधियां बढ़ने लगी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार पुलिस जिले में अपराधिक मामले व घटनाओं में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। नशे की लत एक ऐसी बीमारी है जो न केवल इसके आदि व्यक्तियों को बल्कि संपूर्ण समाज को खोखला कर देती है। अधिकांश युवा इस वक्त नशे की चपेट में है, नशा की पूर्ति न हो पाना ही अपराध की मुख्य वजहों में से एक है। जब नशीले पदार्थों के लिए नशाखोरो के पास पैसे नहीं होते तब वह पैसे की खातिर अपराध करने से भी नही कतराते।

सोनवर्षा दुमुहि चौक महादलित टोला में नशेड़ी पति ने पत्नी समेत तीन बच्चों को मारपीट कर किया था अधमरा, खुद आत्महत्या का किया था प्रयास

दो मासूम की हुई थी दर्दनाक मौत, तीन की इलाज के बाद बची जिंदगी

नशेड़ी जेल में काट रहे कुकर्म की सजा

ज्ञात हो कि दो वर्ष पूर्व 3 नवंबर 2022 की रात बिहपुर के सोनवर्षा दुमुहि चौक समीप महादलित टोले में नशे के लत के कारण नशेड़ी भूपेंद्र दास ने पत्नी समेत तीन मासूम बच्चे की ईंट व लोहे के रॉड से कूचकर अधमरा कर दिया था। वही खुद को धारदार हथियार से जख्मी कर लिया था। जिसमे दो मासूम की दर्दनाक मौत हो गई थी। वही भूपेंद्र और उसकी पत्नी व पुत्री अर्निका को पुलिस की तत्परता से बेहतर इलाज के बाद जीवन बचाया गया था। घटना के बाद इलाके में सनसनी फैल गई थी और लोग घटना जानकर सन्न थे। पुलिसिया जांच व परिजनों के कथनानुसार भूपेंद्र दास नशेड़ी प्रवृति का सनकी व्यक्ति था। वह मजदूरी करता था लेकिन स्मैक व शराब का आदी था। प्रतिदिन नशापान करना और घर मे पत्नी से विवाद झगड़ा करता था। घटना की रात भी वह नशा करके घर आया और पत्नी से स्मैक के लिए पैसे की मांग किया जिसको लेकर दोनो में बड़ा विवाद हुआ। इसी बीच भूपेंद्र दास ने अपने ही घर मे ईंट व लोहे के रॉड से पत्नी की बुरी पिटाई की। वही उसी कमरे सो रहे पुत्री समेत तीन बच्चों पर ईंट व रॉड से प्रहार कर अधमरा कर दिया था। जिसमे दो बच्चे की मौके पर ही मौत हो गई थी। वही पत्नी व एक पुत्री की जान पुलिस की तत्परता से बेहतर इलाज के बाद जान बचा था। हालांकि भूपेंद्र अपने कुकर्मों की सजा जेल में काट रहा है। परंतु भूपेंद्र के परिवार जैसा माहौल किसी अन्य परिवार में घटित न हो इसके लिए प्रशासन को जागने की जरूरत है तभी क्षेत्र में नशा के कारोबार बंद होगा और समाज में शांति व अमन चैन आएगी।

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