गोसाइँ गाँव, नवगछिया निवासी विभूति भूषण झा को आज दिल्ली की संस्था ‘फेडरेशन फ़ॉर वर्ल्ड अकेडेमिक्स’ द्वारा आयोजित विशेष समारोह में हिंदी साहित्य में नये विचारों को बढ़ावा देने में अनुकरणीय कार्य करने हेतु “एक्सेम्पलरी वर्क इन प्रमोटिंग न्यू आईडिया इन हिंदी लिटरेचर” का पुरस्कार दिल्ली के मल्टी परपस हॉल, इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में श्री सुरेश प्रभु, सांसद द्वारा दिया गया।
इन्हें यह पुरस्कार हिन्दी साहित्य में नया सफल प्रयोग करने के लिए दिया गया है। इन्होंने साहित्य का मॉल पुस्तक के रूप में बनाकर यानी एक ही पुस्तक में कहानी, लघुकथा, कविता, गीत और ग़ज़ल देकर पूरे परिवार के लिए साहित्यिक पैकेज का निर्माण किया। सम्पूर्ण भारत के रचनाकारों से उनकी रचनाएँ लेकर, नये रचनाकारों को स्थापित रचनाकारों के साथ लाकर, अपने खर्चे पर एक मंच प्रदान किया.
रचनाओं को पत्रिका नहीं बल्कि पुस्तक के रूप में निकाला। इनका मानना है कि पत्रिका लोग अगले महीने रद्दी में बेच देते हैं लेकिन पुस्तक वर्षों तक संभाल कर रखते हैं। “अवली” और “इन्नर” नाम से साझा संग्रह निकाला है। इनके संपादन में बारहबाना और प्रभाती नाम से दो पुस्तकें अभी आ रही हैं। पुरस्कार से नवगछिया के साहित्यप्रेमी हर्षित हैं। भारद्वाज परिवार और गोसाइँ गाँव के गणमान्य व्यक्तियों ने बधाई दी है।