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नवगछिया : विज्ञान दिवस के अवसर पर इंडियन साइंस कांग्रेस पटना सेक्टर के द्वारा एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन राजेंद्र कालोनी नवगछिया में रविवार को किया गया विज्ञान तकनीक और अन्वेषण के प्रभाव विषय पर आयोजित वेबिनार इंडियन केमिकल सोसायटी के भागलपुर चैप्टर के द्वारा अध्यक्ष प्रो अशोक झा के देखरेख में किया गया. मौके पर कोषाध्यक्ष डॉ उषा रानी उपस्थित थी.


वेबिनार में आएं हुए अतिथियों का स्वागत आइ एस सी ए पटना के संयोजक डॉ जे रंजना एवं कोषाध्यक्ष प्रो शिवसत्य प्रकाश ने किया. वेबिनार को आइ एस सी ए के अध्यक्ष डॉ विजयलक्ष्मी सक्सेना ने संबोधित करते हुए कहा कि आज के समय में भारतीय विज्ञान संस्था की भूमिका काफी बढ़ गई है. सम्मानित अतिथि एवं आइ एस सी ए के पूर्व अध्यक्ष प्रो अशोक कुमार सक्सेना ने बताया कि सर आशुतोष मुखर्जी आइ एस सी ए के प्रथम अध्यक्ष थे.

इंडियन केमिकल सोसायटी के पूर्व अध्यक्ष प्रो डी सी मुखर्जी ने किनोट संबोधन करते हुए कहा कि प्रो सी बी रमण ने नोबेल पुरस्कार लेकर भारत का नाम ऊंचा किया है, प्रो मैडम क्यूरी ने भौतिक एवं रसायन दोनों में नोबेल पुरस्कार लेकर विषय के महानतम विज्ञानिको में अपनी जगह बनाई है. उद्घाटन सत्र में धन्यवाद ज्ञापन डाक्टर अशोक कुमार झा ने किया. वक्ताओं का परिचय डॉ निशांत एवं डॉ बद्रीनाथ झा ने दिया.

प्रथम तकनीकी सत्र में बी एच यू के प्रो विनोद कुमार तिवारी ने ग्लाइकोपोरफायरीन पर अपना व्याख्यान दिया. न्यूयार्क विश्वविद्यालय ब्रोकलीन यू एस अमेरिका के डा देवदयूती मुखर्जी ने बताया कि हाइड्रोजन ईंधन , नवीकरण उर्जा का एक प्रमुख स्त्रोत है जिसका उपयोग बड़े पैमाने पर किया जा सकता है. प्रथम तकनीकी सत्र में बी एच यू के प्रो विनोद कुमार तिवारी ने ग्लाइकोपोरफायरीन पर अपना व्याख्यान दिया.

न्यूयार्क विश्वविद्यालय ब्रोकलीन यू एस अमेरिका के डा देवदयूती मुखर्जी ने बताया कि हाइड्रोजन ईंधन , नवीकरण उर्जा का एक प्रमुख स्त्रोत है जिसका उपयोग बड़े पैमाने पर किया जा सकता है जोरहट प्राधोगिकी संस्थान की डा संचयिता राजखड़ेवा ने बताया कि दुनिया में तीस प्रतिशत महिलाएं शोधकर्ता है जो विश्व की प्रगति में सहायक है. असीमाचन्द फाउंडेशन के सचिव प्रो विश्व पति मुखर्जी ने अपने विचार रखे.

कल्याणी विश्वविद्यालय की प्रो मिताली सरकार ने महिला और ससटेनेवल विकास पर चर्चा के दौरान बताया कि भारत में महिला पी एच डी धारकों की संख्या 20.5% है. कलकत्ता की शोधार्थी डॉ नन्दिता दास ने भी खाद्य पदार्थ हेतु नयी तकनीक पर प्रकाश डाला. कार्यक्रम के अंत में डा उषा शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापन किया और डा विन्देश्वरी सिंह ने भी अपने विचारों को व्यक्त किया. शोध छात्र सचिन कुमार एवं शैलेश कुमार ने राष्ट्रगान गाया.

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