आदर्श थाना नवगछिया में भागलपुर जैसे हादसे हो सकता हैं। नवगछिया थाना सात साल से बारूद के ढेर पर हैं। थाना में जब्त कर रखी गई पटाखे की ढेर से बारूद निकल रहा हैं। जिससे कभी बड़ा हादसा हो सकता हैं। ज्ञातव्य हो कि 2015 में पुलिस ने नवगछिया बाजार से पटाखे की बड़ी खेप पकड़ी थी। जिसे सील कर थाना में रख दिया गया हैं। तब से उसे नष्ट नहीं किया गया हैं। दर्जनों कार्टन में पटाखे हैं। जिसे रखने के लिए एक कमरा कम पड़ गया था। लिहाजा बरामदे पर रखे कई कार्टन रखे हुए थे। बरामदे पर पटाखों की कार्टन छह वर्षों तक रही। इसी वर्ष नवगछिया थाना के थानाध्यक्ष भरत भूषण पटाखों के कर्टून को सुरक्षित जगह पर रख दिया हैं। दो माह पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी। 2015 में दिपावली के मौके पर नवगछिया अनुमंडल पदाधिकारी राघवेंद्र कुमार ने नवगछिया बाजार में पटाखा के दो व्यवसाई की दुकान व घर से भारी मात्रा में पटाखा बरामद किया था।
उस समय अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी मुकुल रंजन व नवगछिया थानाध्यक्ष सुधांशु कुमार मौजूद थे। जब्त पटाखा नवगछिया थाना की पुलिस को सौंप दिया गया। नवगछिया न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद पटाखे की बरामदगी के दो माह बाद प्राथमिकी दर्ज की गई थी। और पटाखे की जब्ती सूची बनाई गई थी। पटाखा बरामदगी के मामले में सुनवाई के दौना नवगछिया थाना पुलिस आरोपित पर आरोप साबित करने में विफल साबित हुई थी। लिहाजा दोनो आरोपित को वर्ष 2018 में नवगछिया न्यायालय के अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने बरी कर दिया। इसके पुलिस ने भी केस बंद कर दिया। जब्ती सूची का मिलान किया जाए तो पटाखे की बरामदगी में भी अंतर मिलेगा। बरामद पटाखे
जरा सी चूक पर थाना में बड़ी घटना हो सकती हैं।
एक चिंगारी से पटाखा में आग पकड़ सकती हैं। तत्काल आग पर काबू पाने के लिए नवगछिया में कोई संयत्र भी मौजूद नहीं हैं। थाना में हर दिन दर्जनों फरियादी पहुंचते हैं। ऐसे में खतरा और भी बढ़ जाता हैं। किसी ने जलती सिगरेट या माचिस की तीली फेक दी तो बड़ा नुकसान हो सकता हैं। नवगछिया थाना परिसर में ही अन्य कई विभागों के मकान हैं।
इस संबंध में नवगछिया थानाध्यक्ष भरत भूषण ने बताया कि जब्त किया गया पटाखा को नष्ट नहीं किया गया हैं। इसके लिए न्यायालय से आदेश लेना होगा। बरामद पटाखा बरामदा में रखा हुआ था उसे सुरक्षित जगह पर रख दिया गया हैं।