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पैथोलाजी जांच और अल्ट्रासाउंड भी कराना पड़ता है बाहर से…

नवगछिया अनुमंडल अस्पताल में कमीशन का खेल चल रहा है। करीब 7.5 लाख जनता इसी अस्पताल पर निर्भर है। हाल ये हैं कि अस्पताल में नार्मल डिलवरी को भी आपरेशन की जरूरत बताकर बाहर भेज दिया जाता है। फिर अनुमंडल अस्पताल के चिकित्सक ही निजी क्लिनिक में आपरेशन करते हैं जबकि अस्पताल में सिजेरियन की सभी सुविधा मौजूद हैं। इससे पूर्व चिकित्सक अंजू तुरियार प्रसव पीड़ित महिला का अस्पताल में ही आपरेशन करते थे।

अनुमंडल अस्पताल के चिकित्सक निजी क्लिनिक चलाते हैं। अस्पताल की नर्स व आशा कार्यकर्ता के मिली भगत से यह खेल चल रहा हैं। प्रसव पीड़ित महिला का आपरेशन करने में खर्च 20 हजार रुपये से 30 हजार रुपये तक होता है। सूत्र बताते हैं कि इसमें से 30 प्रतिशत हिस्सा अनुमंडल अस्पताल से निजी क्लिनिक रेफर करने वाले या निजी क्लिनिक लाने वाले का होता हैं। इसी वजह से अनुमंडल अस्पताल में पिछले दिनों काफी हंगामा हुआ था।

अस्पताल में नार्मल डिलवरी करने के लिए 20 हजार रुपये मांगे जा रहे थे। जब स्वजनों ने मना किया तो क्रिटिकल कंडीशन बताकर भागलपुर अस्पताल रेफर किया गया। अंततः परिजन महिला को निजी क्लिनिक में ले गए। वहां उसकी नार्मल डिलवरी हुई। अल्ट्रासाउंड की भी सुविधा है लेकिन इसके लिए भी बाहर भेजा जाता है। नार्मल डिलीवरी वाले नवजात को शीशा में रखवाने के लिए रेफर कर दिया जाता है। उपाधीक्षक अरुण सिन्हा ने कहा कि यदि ऐसा होता है तो इसकी जांच की जाएगी।

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