


अधिवक्ताओं एवं आमलोगों में आक्रोश
नवगछिया कोर्ट परिसर में नॉन ज्यूडिशरी स्टांप की मनमानी कीमत पर बिक्री हो रही है, स्टांप विक्रेता की इस मनमानी के कारण अधिवक्ताओं और आम लोगों में आक्रोश व्याप्त है। ज्ञात हो कि नवगछिया कोर्ट परिसर में स्टांप विक्रेता के द्वारा खुलेआम नॉन ज्यूडिशरी स्टांप का ऊचित कीमत से अधिक वशूली कर रहे हैं। जानकारी के अनुसार 100 रुपये के नॉन ज्यूडिशरी स्टांप को तीन गुनी अधिक कीमत यानी 300 रुपये में बेचा जा रहा है। इसी तरह 500 रुपये वाला स्टाम्प 800 रुपये में और 1000 रुपये वाला स्टांप 1300 से 1500 रुपये में खुलेआम बिक्री किया जा रहा है। कोर्ट परिसर में प्रैक्टिस कर रहे अधिवक्ताओं का कहना है कि यहां स्टांप की कालाबाजारी लंबे समय से चल रहा है। स्टांप विक्रेता मनमानी कीमत वसूलते हैं और विरोध करने पर दुर्व्यवहार करते हैं। अधिवक्ताओं ने बताया कि कोर्ट परिसर में स्टांप बेचने वाले गिने-चुने लोग ही हैं, जिनकी पहुंच इतनी मजबूत है कि इस मनमानी और अवैध वसूली पर कभी कोई कार्रवाई नहीं होती है।

कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन
स्टांप एक्ट 1899 के अनुसार स्टांप की बिक्री तय दरों पर ही होनी चाहिए। निर्धारित कीमत से अधिक राशी वसूलना गैरकानूनी है और दोषी पाए जाने पर विक्रेता पर जुर्माना या कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है। इसके अलावा उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के तहत ग्राहक को सही मूल्य पर उत्पाद न मिलना सेवा में कमी माना जाता है, और पीड़ित व्यक्ति उपभोक्ता फोरम में शिकायत दर्ज कर सकता है।
अधिवक्ताओं की मांग: हो सख्त कार्रवाई
अधिवक्ताओं ने जिला प्रशासन और न्यायिक अधिकारियों से मांग की है कि इस अवैध वसूली पर तुरंत रोक लगाई जाए। उनका कहना है कि कोर्ट परिसर में स्टांप की कालाबाजारी से न्यायिक प्रक्रिया प्रभावित होती है, साथ ही आम लोगों का आर्थिक शोषण होता है। उन्होंने प्रशासन से स्टांप बिक्री की नियमित जांच करने और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।
