नवगछिया अनुमंडल के इस्माइलपुर प्रखंड अंतर्गत इस्माइलपुर विनोवा टोला प्राथमिक विद्यालय परिसर में श्रीमद् भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ प्रारंभ हुआ । वृंदावन से पधारे हुए श्यामा गोपाला जी महाराज ने श्रीमद् भागवत का माध्यम बताते हुए कहा कि भागवत वेदरूपी वृक्ष का पका हुआ फल है। जिसमें न छिलका है न गुठली है बस रस-ही-रस है जिसे पीकर जीवात्मा एवं मृतत्मा सभी शांति मुक्ति का प्रप्ति करते हैं। क्योंकि यह साक्षात भगवान की वाङ्गमयी मूर्ति है। इस क्रम में दस्तान देते हुए भक्ति महरानी के दोनों पुत्र ज्ञान वेराग्य की मुच्छा भागवान से कैसे दूर हुई। इसका महात्मों बताते हुए भक्ति के साथ ज्ञान वैराग्य की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला। साथ ही साथ गौकर्ण उपाख्यान देते हुए आत्म देव जो कि वेद मंत्र ज्ञानी पंडित पुत्र की लालसा में अपनी पत्नि घुघली के व्यंग वाणों से आहत होकर जब संतक सतसंग के फल से प्राप्त पुत्र गोकर्ण से मुक्ति एवं इसके विपरीत धुंधकारी जैसे पुत्र से आत् गलानी प्राप्त होती है।
अतः कहा गया कि भक्तिरहित से वेद से बनी चली भजन करने देती भली बिना भजन नही पुत्र सवरी तो वैकुंठ गई धुधकारी भयो प्रेत भूत। वहीं द्वितीय दिवस पर दक्ष यज्ञ की कथ सुनाते हुए कहा कि सदभाव से सदभाव उत्पन्न होती है। राजा दक्ष के यज्ञ में सदभाव न रहने के कारण उनके उस विशाल भव्य यज्ञ में विघ्न उत्पन्न हुआ। जो कि भोलेनाथ की कृपा से संपन्न हुआ। इसी के साथ धर्म कैसे करनी चाहिए। यह दक्ष यज्ञ से एवं अर्थ कैसे प्राप्त करनी चाहिए एवं मोक्ष प्राप्ति के लिए पूरंजन उपख्यान को विस्तार से बताया । मौके संगीत भजन द्वारा भक्तों को भक्ति रस में विभोर किया जा रहा था । वहीं भागवत कथा के मौके पर विनोबा गांव के सैकड़ो की संख्या में लोगों की उपस्थिति थी ।