


नवगछिया के बड़ीघाट ठाकुरबाड़ी के सीताराम ठाकुर का निधन वाराणसी में हो गया। उनके निधन से पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई है। श्री ठाकुर अपने सरल स्वभाव और धार्मिक प्रवृत्तियों के लिए प्रसिद्ध थे।

पारिवारिक सूत्रों के अनुसार, वे कुछ समय से अस्वस्थ थे और इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर फैलते ही बड़ी संख्या में उनके शुभचिंतक और अनुयायी उनके आवास पर पहुंचने लगे।

उनके पार्थिव शरीर को वाराणसी में उनके सबसे छोटे पुत्र, कौशलेंद्र कुमार ठाकुर ने मणिकर्णिका घाट पर मुखाग्नि दी। इस मौके पर उनके परिजन, मित्र और शुभचिंतक भी उपस्थित थे। इनमें बुद्धि प्रकाश ठाकुर, कर्दम ठाकुर, शांतनु ठाकुर, राजू ठाकुर, ललित झा, राजा झा, मनोज, मंजुल, ईश्वर झा, और संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के डीन डॉ. सदानंद शुक्ल प्रमुख रूप से शामिल थे।
सीताराम ठाकुर अपने पीछे एक भरा-पूरा परिवार छोड़ गए हैं।
