नवगछिया से रणवीर कश्यप की रिपोर्ट
नवगछिया बाजार से महज एक किलोमीटर दूर रंगरा प्रखंड के भवानीपुर वाली काली मैया के बारे में भक्त कहते हैं कि यहां की काली मैया ने आज तक अपने भक्तों को निराश नहीं किया! भक्त अपना अनुभव बताते हुए कहते हैं कि माता को बड़े चढ़ावे और आडंबर युक्त पूजा नहीं चाहिये! समर्पण भाव से जो माता के शरण में गया, उसने फिर कभी कहीं हाथ नहीं फैलाया. यही कारण है दिन रात माता का वैभव बढ़ता ही जा रहा है!
मंदिर के बारे में कई की दंत कथाएं दादी नानी की कहानियों में प्रचलित है! कहा जाता है कि लगभग 200 वर्ष पहले भवानीपुर गांव के कुछ बच्चे खेल ही खेल में मां काली की एक प्रतिमा का निर्माण कर दिया और खेलने के क्रम में ही एक बकरे पर कुश से प्रहार कर दिया! कुश के प्रहार से बकरे का सर धर से अलग हो गया! इसी चमत्कार के बाद गांव में मंदिर की स्थापना की गयी और प्रत्येक वर्ष काली पूजा मनाया जाने लगा! कहानी को हकीकत कहा जाए या फिर एक फसाना लेकिन यहां आज भी दंतकथा में उपरोक्त कहानी सुनी और सुनाई जाती है!
इस वर्ष कोरोना को देखते हुए मंदिर में आयोजनों की धूम तो नहीं होगी लेकिन भक्तों के भक्ति भावना में किसी भी प्रकार की कमी नहीं आएगी! लोग अपनी मनौती के हिसाब से बलि प्रदान भी करेंगे! आयोजन मंडल के व्यवस्थापक प्रशांत कुमार उर्फ पिंटू यादव ने कहा कि कोरोना काल में प्रशासनिक स्तर से जारी किए गए सभी प्रकार के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए मां काली की पूजा भक्ति भावना के साथ की जाएगी! कुश्ती व कुछ भक्तिमय आयोजन भी किये जायेंगे! इस बार मंदिर में होने वाले पूजनोत्सव का उद्घाटन वरिष्ठ ग्रामीण राधाकांत झा करेंगे!
मंदिर के व्यवस्थापक प्रशांत कुमार उर्फ पिंटू यादव है तो पूजा समिति के अध्यक्ष राम जी पोद्दार हैं! मंदिर के पुरोहित अमित झा और पंडित प्रभात झा है!
आयोजन मंडल में नागे यादव, हरिकिशोर झा, अमर झा, सुनील पंडित, अजय किशोर झा, कैलाश यादव, सुगाली यादव, उपेन्द्र यादव, मदन हरिजन, कैलाश पोद्दार, रिंटू झा, गुड्डू झा आदि मौजूद हैं!