आस्था के महपर्व छठ के तीसरे दिन व्रतियों ने उत्साह से अस्ताचलगामी सूर्य को पहला अर्घ्य दिया। बुधवार को गोसाईं गाँव गंगा नदी में खड़े होकर व्रतियों ने अर्घ्य देने की प्रक्रिया को पूरा किया और छठ मैय्या से मनौतियां मांगी। पूजा की थाली में प्रसाद व फल लेकर व्रतियां छठ मैय्या के गीत गाती हुई गंगा नदी किनारे पहुंची। दोपहर से ही गोसाईं गांव के जमींदारी बांध के समीप श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़नी शुरू हो गई थी। खरना करने के बाद व्रतियों द्वारा पहला अर्घ्य दिया गया है। वहीं आज गुरुवार को व्रतियां उदयगामी सूर्य को दूसरा व अंतिम अर्घ्य देकर व्रत खोलेंगी और इसके साथ छठ पर्व का समापन हो जाएगा। बताते चलें कि इस वर्ष 2021 में गोसाईगांव गंगा तट पर किसी प्रकार की प्रशासनिक व्यवस्था नहीं की गई है नाही किसी प्रकार की कोई भी दंडाधिकारी या पुलिस गश्ती भी नजर आईं । स्थानीय ग्रामीणों ने रोष जताते हुए बताया कि पिछले वर्ष एक घटना होने के बावजूद भी प्रशासन का ध्यान नहीं जाना यह बेहद ही चिंताजनक है । गंगा घाट पर किसी भी प्रकार की नदी में बैरिकेटिंग, दंडाधिकारी व पुलिस पदाधिकारी की मौजुदगी नहीं होना भी चिंताजनक है । बताते चलें कि कुछ युवा अत्याधिक उत्साहित होकर गंगा पार होकर दूसरे पार नदी के जाकर पटाखा फोड़ते हैं गंगा नदी में आर पार होने में बीच में बहुत बड़ा बड़ा गड्ढा है जिसमें फिसलन होने से डूब कर जाने भी जा सकती है।
ज्ञात हो कि पिछले वर्ष गोसाईं गांव के समीप ही छठ पर्व पर एक युवक की गंगा में डूबने से जान चली गई थी । इस बर्ष भी गोसाईं गाँव गंगा घाट पर तक़रीबन 3000 लोग जमा हुए , गंगा पानी में आराधना करनें में पुरुषों की संख्या से अधिक महिला व्रती की संख्या थी । गोसाईं गाँव के पूरे गाँव में जहां चकाचौध रौशनी के साथ – साथ घाट की सजावट की गयी थी तो वहीं मधुर संगीत व कई बैंड बाजों से माहौल को पूरी तरह भक्तिमय बना दिया गया ।