


भागलपुर जिले के नवगछिया अनुमंडल के रंगरा प्रखंड स्थित भवानीपुर गाँव निवासी अश्विनी कुमार को हिन्दी की प्रसिद्द समाचार पत्रिका ‘दिनमान’ पर मौलिक शोध कार्य के लिए विश्व भारती विश्वविद्यालय, शान्तिनिकेतन (पश्चिम बंगाल) से ‘पीएच.डी’ की उपाधि प्रदान की गई है ।
केंद्रीय विश्वविद्यालय विश्व भारती के अनुसार उन्हें यह उपाधि “स्वातंत्र्योत्तर हिन्दी पत्रकारिता की परम्परा में ‘दिनमान’: एक मूल्यांकन” विषय के लिए प्रदान किया गया है ।

उन्होंने यह शोध कार्य प्रोफेसर (डॉ.) मंजु रानी सिंह के निर्देशन में पूरा किया है l विदित हो कि विश्व भारती के प्रोफेसर, डॉ. मंजु रानी सिंह भी भागलपुर जिला की ही रहने वाली हैं l भागलपुर जिला के लिए यह गौरव की बात है कि यहाँ की मिट्टी में पले – बढ़े दोनों गुरु – शिष्य ने प्रदेश का नाम रौशन किया .

मीडिया से दूरभाष से बातचीत के क्रम में डॉ. अश्विनी कुमार ने बताया कि ‘दिनमान’ पत्रिका की शुरूआत हिन्दी के प्रसिद्द साहित्यकार अज्ञेय ने की थी और फिर रघुवीर सहाय, कन्हैयालाल नंदन, मनोहर श्याम जोशी, फणीश्वरनाथ रेणु, सर्वेश्वरदयाल सक्सेना, श्रीकांत वर्मा जैसे ख्याति प्राप्त साहित्यकारों ने इसे नई ऊँचाई प्रदान की ।
लगभग ढाई दशकों तक की दिनमान की पत्रकारिता ने हिन्दी साहित्य, पत्रकारिता और समाज में अपना बहुमूल्य योगदान दिया l दिनमान की पत्रकरिता ने ही हमें यह सिखाया है कि वही ख़बर नहीं जो लोगों को चौंकाती है, ख़बर वह भी है जो लोगों को भरोसा देती है, हिम्मत बाँधती है और समाज में अपनी शक्ल का प्रतिबिंब देखने को देती है । मगर ख़बर को पूरी तौर से ख़बर बनने के लिए आवश्यक है कि वह उन तक भी पहुँचे जिन्होंने उसे पैदा किया – सिर्फ़ उन्हीं तक न रह जाए जिन्होंने उसे लिखा है । ख़बर लिखना बहुत ही रचनात्मक काम हो सकता है, उतना ही रचनात्मक जितना कविता लिखना l दोनों का उद्देश्य मनुष्य और समाज को ताकत पहुँचाना है । पत्रकारिता का वर्तमान पतनशील दौर मनुष्य और समाज को ताकत पहुँचाने के बदले उसके बिखराव का कारण बन रहा है । अगर इस बिखराव को रोकना है तो दिनमान की पत्रकारिता से बहुत कुछ सीखना होगा ।

उन्होंने बताया कि पत्रकारिता पर शोध कार्य करने वालों के लिए या फिर पत्रकारिता कर रहे पत्रकारों को यह शोध कार्य कई मायनों में मददगार साबित होगी ।

बताते चलें कि डॉ. अश्विनी कुमार ने उच्च विद्यालय नवगछिया से माध्यमिक, जी. बी. कॉलेज नवगछिया से उच्च माध्यमिक, टी. एन. बी. कॉलेज भागलपुर से स्नातक और कलकत्ता विश्वविद्यालय, कोलकाता से स्नात्तकोत्तर की पढ़ाई की है । भागलपुर में रहते हुए वे नई बात, प्रभात ख़बर, दैनिक हिंदुस्तान , समकालीन तापमान , दि लाइट ऑफ बिहार में बतौर पत्रकार अल्पकालीन काम भी किया है । इसके अलावा दैनिक जागरण के भागलपुर संस्करण परिशिष्ट ‘जागरण सिटी’ के परिशिष्ट लेखक भी रहे हैं। इनके पिता ब्रजनंदन झा पेशे से सिविल कोर्ट नवगछिया में अधिवक्ता और माँ करूणा झा गृहिणी हैं.
