- किशोर को गोली मार कर घायल करने का आरोप लगा कर ग्रामीणों ने किया पुलिस पर हमला, पुलिस कर्मियों को बनाया बंधक, पुलिस ने की फायरिंग और जवाबी कार्रवाई
नवगछिया – रंगरा के साधोपुर गांव में ग्रामीणों ने पुलिस पर एक नाबालिग को गोली मार कर घायल कर देने का आरोप लगाते हुए हमला बोल दिया और बंधक बना लिया. जिसके बाद गांव पहुंची बड़ी संख्या में पुलिस बलों ने जवाबी कार्रवाई करते हुए हवाई फायरिंग की और गांव के कई महिलाओं को पुरूषों की पिटाई कर दी. इस घटना में रंगरा के थानाध्यक्ष माहताब खान समेत कई पुलिसकर्मी भी घायल हो गये. इधर कथित रूप से पुलिस की गोली से घायल हो गये स्व अरूण मंडल के पुत्र 14 वर्षीय राजीव कुमार को परिजनों ने इलाज के लिए नवगछिया अनुमंडल अस्पताल लाया, जहां से प्राथमिक इलाज के बाद उसे बेहतर इलाज के लिए भागलपुर मायागंज अस्पताल रेफर कर दिया.
राजीव कुमार के जांघ में गोली लगी है. इधर इस घटना में घायल पुलिस कर्मियों में रंगरा के थानेदार माहताब खान, पीएसआई शशि कुमार, एसडीपीओ का गार्ड शशि कुमार साह, सिपाही पवन कुमार यादव, हवलदार महेश कुमार राय, कैलाश यादव, अरूण कुमार, एमएन चौधरी, ललन राम, बीएमपी के तीन जवान, जिला पुलिस के तीन जवान व अन्य 26 पुलिसकर्मी और चौकीदार भी शामिल है. घायल एसडीपीओ के गार्ड शशि कुमार साह का इलाज नवगछिया अनुमंडल अस्पताल में कराया गया है. जबकि 17 पुलिस कर्मियों का इलाज रंगरा सीएचसी में कराया गया है और अन्य कर्मियों का स्थानीय स्तर पर इलाज कराया गया है.
पुलिस का कहना है कि ग्रामीणों ने एक पुलिसकर्मी का कारतूस से भरे मैगजीन को तोड़ दिया. कुल 20 कारतूस में से पुलिस ने चार कारतूस एकत्र किया और 16 कारतूस गायब है. एसडीपीओ के गार्ड के पिस्टल को क्षतिग्रस्त कर दिया और रंगरा पुलिस के वाहन और पुलिस की नौ मोटरसाइकिल को भी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया है. घटना के क्रम में पुलिस की तरफ से कुल चार चक्र गोली चलाये जाने की बात कही जा रही है. पुलिस का दावा है कि पुलिस द्वारा आत्मरक्षार्थ हवाई फायरिंग की गयी है. घटना के बाद नवगछिया के एसडीपीओ दिलीप कुमार बड़ी संख्या में पुलिस बलों के साथ मौके पर कैंप कर रहे थे. साधोपुर गांव को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है. देर शाम खबर लिखे जाने तक स्थिति नियंत्रण में थी.
ग्रामीणों का आरोप
साधोपुर के ग्रामीणों का आरोप है कि दोपहर बाद रंगरा के थानाध्यक्ष माहताब खांन, पीएसआई शशि कुमार और अन्य पुलिसकर्मी एक हत्याकांड में आरोपी बरूण मंडल को गिरफ्तार करने के लिए गांव पहुंची थी. ग्रामीणों का कहना है कि वरूण मंडल लंबे समय से गांव नहीं आया है. पुलिस ने वरूण मंडल के भतीजे राजीव कुमार से बरूण का पता पूछने लगी. जिस पर ट्यूशन पढ़ने जा रहे राजीव ने जानकारी नहीं होने की बात कही. पुलिस ने राजीव के साथ सख्ती की लेकिन राजीव बार बार बरूण मंडल के संबंध में किसी भी तरह की जानकारी से इनकार कर रहा था. ग्रामीणों का आरोप है कि इसके बाद रंगरा के थानाध्यक्ष माहताब खान गुस्से में आ गये और अपने पिस्तौल से राजीव के पैर में गोली मार दी. जिसके बाद पुलिस बलों को वहां पर ग्रामीणों ने बंधक बना लिया. ग्रामीणों का कहना है कि इसके बाद गांव में बड़ी संख्या में पुलिस बल आ गये और फिर गांव की कई महिलाओं और पुरूषों को लाठी डंडे से जबरदस्त पिटाई कर दी. गांव के कुछ लड़के तीन जिंदा कारतूस भी दिखा रहे थे. लड़कों का कहना है कि पुलिस ने जब उनलोगों पर हमला बोला तो उसी क्रम में उनलोगों का कारतूस जमीन पर गिर गया था, जिसे उसने उठा लिया है. ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस ने बेवजह इस तरह की कार्रवाई की है. रंगरा थाना के सभी पुलिसकर्मियों के विरूद्ध कार्रवाई किये जाने की जरूरत है.
पुलिस का यह है कहना
पुलिस स्तर से जानकारी मिली है कि प्रखंड में बकरीद को लेकर फ्लैग मार्च निकाला गया था. फ्लैग मार्च सधुवा से शुरू किया गया था. रंगरा, मुरली, बनिया होते हुए सघोपुर के रास्ते सभी पुलिसकर्मी जहांगीरपुर वैसी जाने वाले थे. पुलिस का कहना है कि फ्लैग मार्च के दौरान दोहरे हत्याकांड का इनामी अपराधी वरूण मंडल अपने घर में बैठा हुआ था. जब पुलिस करीब पहुंची तो पुलिस को देखते ही वरूण ने गोली चला दी. गोली की अवाज सुनते ही जब पुलिसकर्मी सल पर पहुंचे तो देखा कि राजीव कुमार को गोली लग गयी है. इसके बाद वहां के ग्रामीणों ने पुलिस पर की गोली मार कर घायल कर देने का आरोप लगाने लगे और पुलिस के साथ गाली गलौज करते हुए पुलिस पर हमला कर दिया और पुलिसकर्मियों को बंधक बना कर जम कर उपद्रव किया और कई पुलिस कर्मियों की पिटाई भी कर दी. इसके बाद पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई की. जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गये.