नवगछिया: सावित्री पब्लिक स्कूल में मंगलवार को एक अहम जागरूकता अभियान के तहत मायोपिया स्क्रीनिंग टेस्ट (दृष्टि परीक्षण) का आयोजन किया गया। इस विशेष नेत्र जांच शिविर का उद्देश्य बच्चों में दृष्टि संबंधी समस्याओं को पहचानना और समय रहते उपचार की दिशा में कदम उठाना था। इस अभियान में नवगछिया के प्रसिद्ध नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. बदल चौधरी ने बच्चों का मुफ्त आई चेकअप किया।
सावित्री पब्लिक स्कूल के लगभग 600 बच्चों की आंखों की जांच की गई, जिनमें से करीब 150 बच्चे मायोपिया (निकटदृष्टि दोष) से पीड़ित पाए गए। इन बच्चों के लिए उनके अभिभावक को जानकारी देने के योजना बनाई जाएगी। इस शिविर का आयोजन नवगछिया के प्रमुख आई केयर सेंटर द्वारा नि:शुल्क किया गया, ताकि बच्चों की आंखों की देखभाल की जा सके और उनकी दृष्टि को बेहतर बनाया जा सके।
मौके पर सावित्री पब्लिक स्कूल के निदेशक रामकुमार साहू ने इस पहल के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा, “आजकल के बच्चों में मोबाइल, कंप्यूटर और अन्य स्क्रीन उपकरणों का अत्यधिक उपयोग हो रहा है, जिससे आंखों की समस्याएं बढ़ रही हैं। हमें बच्चों के आंखों की देखभाल की दिशा में ऐसे आयोजन करते रहना चाहिए, ताकि समय रहते आंखों की समस्याओं का पता चल सके।”
विद्यालय के प्रशासक सुमित कुमार ने भी इस अवसर पर कहा, “यह शिविर बच्चों के लिए बहुत फायदेमंद साबित होगा। हम चाहते हैं कि प्रत्येक बच्चा स्वस्थ और सशक्त रूप से अपनी पढ़ाई कर सके। हम इस तरह के जागरूकता कार्यक्रम आगे भी आयोजित करेंगे, ताकि बच्चों की सेहत पर ध्यान दिया जा सके।”
सावित्री पब्लिक स्कूल के सचिव कृष्ण कुमार साहू ने इस आयोजन को स्कूल की ओर से एक महत्वपूर्ण कदम बताते हुए कहा, “हमारा उद्देश्य बच्चों को स्वस्थ जीवन प्रदान करना है। आंखों की समस्याएं अगर जल्दी पहचान ली जाएं, तो उनका इलाज आसानी से किया जा सकता है। यह स्क्रीनिंग टेस्ट एक महत्वपूर्ण पहल है, जो बच्चों की दृष्टि संबंधित समस्याओं को समझने में मदद करेगा।”
सुप्रसिद्ध नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. बदल चौधरी ने इस अवसर पर कहा, “मायोपिया, जो कि आजकल बच्चों में एक आम समस्या बन चुकी है, को समय रहते पहचानने की आवश्यकता है। स्क्रीनिंग के दौरान हमने देखा कि कई बच्चों में दृष्टि संबंधी समस्याएं थीं, जिनका इलाज जरूरी था। इस स्क्रीनिंग टेस्ट के माध्यम से हम बच्चों को उनके आंखों के स्वास्थ्य के बारे में जागरूक कर रहे हैं और जो बच्चे मायोपिया से प्रभावित हैं, उन्हें उचित इलाज की सलाह दी जा रही है।”
इस शिविर के दौरान बच्चों की आंखों की जांच के साथ-साथ उन्हें आंखों की सुरक्षा और देखभाल के बारे में जागरूक किया गया। विद्यालय प्रशासन ने इस पहल को बहुत सराहा और भविष्य में ऐसे और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने की बात कही।