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ऋषव मिश्रा कृष्णा , मुख्य संपादक , जीएस न्यूज

नवगछिया – इस बार भी इलाके के बागानों में लीची का फलन अपेक्षाकृत कम ही है लेकिन पिछले वर्ष से तुलना किया जाय तो यह दो गुनी है. इसलिये इस बाद किसानों को लीची की फसल से मुनाफे की उम्मीद है. इलाके के बागानों में लीची पर लाली चढ़ने लगी है लेकिन अभी भी यह खट्टी है. हालांकि इलाके के इक्के दुक्के बाजारों में लीची बिकने भी लगी है. लेकिन सलाह है अभी लीची न खाएं. जानकार बताते हैं कि देशी प्रजाति की लीची चार से पांच दिनों बाद खाने लायक हो जाएगी. किसानों प्रकृति की ओर एक अदद वर्षा की उम्मीद में हैं.

अगर वर्षा हो जाय तो लीची और अधिक मीठी और रसीली हो जाएगी. जबकि मनराजी प्रजाति की लीची के तैयार होने में अभी दस दिन से अभी अधिक वक्त लग सकता है. नवगछिया के बागानों में असम और बंगाल से कारोबारी पहुंचने लगे हैं. भाव मोल सेट होने लगा है. शुरुआती दिनों में लीची खुदरा बाजार में ₹100 – 150 प्रति सैकड़ा बिकने की उम्मीद है. 

इस बार इंटरनेट पर भी धूम मचाने को तैयार है नवगछिया की लीची

बदलते दौर में नवगछिया की लीची का बाजार ग्लोबल होता जा रहा है. गांव के युवाओं ने सोसल साइट बना कर लीची की बुकिंग शुरू भी कर चुके हैं. युवकों ने बताया कि कई पड़ोसी देशों से बुकिंग मिली है.

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