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दूसरे युवक ने ट्रेड मार्केट में पैसा गंवाया तो रच दी अपहरण की साजिश, दो अलग मामले के एसपी ने किया खुलासा

नवगछिया पुलिस जिला में बीते 27 मई को हुए लूट और 1 जून को युवक के अपहरण मामले में पुलिस ने ऐसा खुलासा किया है कि कोई भी चौंक जाए। न तो लूट हुई थी न ही अपहरण हुआ था. दोनों मामले में शेयर मार्केट व ट्रेड मार्केटिंग में पैसे लगाए गए थे और लूट व अपहरण की झूठी साजिश रची थी. दरअसल 27 मई को पुलिस को रंगरा के आशीष कुमार ने सूचना दी की एटीएम से एक लाख 30 हजार रुपये निकाल कर ले जाने के क्रम में उससे सारे पैसे की छिनतई कर ली गयी.

पुलिस ने जाँच शुरू की और उक्त लड़के से भी पूछताछ की इस दौरान उस लड़के के आत्मविश्वास में कमी दिखी जिसके बाद पुलिस ने जांच की तो पता चला युवक ने दो बैंक खातों से 80 हजार व 45 हजार ऑनलाइन ट्रांजेक्शन किया गया था. जब युवक से पूछताछ की गई तो उसने कबूल किया कि शेयर मार्केट में उसने एक लाख 28 हजार रुपया लगा दिया और पिता के डर से लूट की कहानी रच दी. वहीं दूसरा मामला एक जून को हुआ पूर्णिया के पोलोग्राम के मनोज कुमार ने पुलिस को सूचना दी कि उसका पुत्र रोहित नवगछिया के पचगछिया से चला था थोड़ी देर बाद उसने फ़ोन पर मैसेज किया कि उसका अपहरण हो गया है. जिसके बाद गोपालपुर थाना में पुलिस ने मामला दर्ज की और जांच में जुटी इस दौरान सूचना मिली कि युवक को नवगछिया तेतरी दुर्गा मंदिर पास देखा गया. वहां से रोहित को बरामद किया गया. जब पुलिस ने उससे पूछताछ की तो उसने बताया कि वह ट्रेड मार्केटिंग में काम करता था 37 हजार रुपया गंवा चुके है. उस रुपये को गंवाने के डर से अपने अपहरण की झूठी कहानी अपने व्हाट्सएप से रिश्तेदारों में फैलाई.

सुशांत कुमार सरोज, एसपी, नवगछिया ने कहा कि एक 27 मई को गोपालपुर थाना अंतर्गत एक कांड दर्ज हुआ लूट का, की वो सुंगठिया बाजार से एक लाख 30 हजार रुपया लेकर के चलता है और झबरूदास टोला के पास उसरहिया पुल है. उसके पास बोला की अपराधी बाइक से आया और धक्का देकर के मारपीट किया और मेरा पूरा पैसा लूट लिया. घटना की जानकारी मिलते हीं हम भी अगले दिन घटना स्थल पर गए थे, और पूछताछ लोगो से किया था. पूछताछ करने के बाद हमलोग प्रथम दृष्टया से संदेह लगा. थाना प्रभारी, एसडीपीओ पूरा अच्छे से गहराई से जांच किया तो जांच के क्रम में यह बात सामने आई की जो पैसा इसने निकासी किया था, वो केवल निकासी किया था तीन हजार रुपया,

बाकी पैसा जो है ये ऑनलाइन शेयर मार्केट में ट्रांजेक्शन किया था। जांच में बात सामने आई की उसने पैसा शेयर मार्केट में लगाया था और पिता जी के डर से छिपाने के उद्देश्य से फॉल्स केस किया. इसका सफल व अच्छा उद्भेदन हुआ. वहीं दूसरा मामला 1 मई को हुआ गोपालपुर थाना अध्यक्ष को कंप्लेंन किया की मेरा बेटा घर से चला जिसका ननिहाल पड़ता है पचगछिया में, वहां चला और रास्ते में वो लड़का जिस गाड़ी में बैठा था, वो बहुत तेजी से जा रहा था, अपराधी बैठे हुए थे. उनके पास हथियार भी हैं, हमे किडनैप कर लिया है. वो लड़का व्हाट्सएप मेसेज किया था अपने ममेरे भाई के.

मोबाइल पर जो पचगछिया में रहते है. मामला गंभीर था, थाना प्रभारी जेड एसडीपीओ ने बड़ी गंभीरता से लिया और तुरंत इसके छानबीन और जांच में लग गए. तब लड़का वो आज बरामद हो गया सुबह सुबह तेतरी मंदिर के पास से बरामद हुआ है. जब उससे पूछताछ किया गया तो वो भी लड़का वही था, ट्रेड मार्केटिंग में पैसा कुछ था लगभग 40 हजार , तो लगाया पैसा ट्रेड मार्केटिंग में उसे 20 हजार का मुनाफा भी हुआ, तो वो पूरा पैसा लगा दिया, पूरा पैसा उसका डूब गया. फिर वो पिता जी के डांट से बचने के लिए झूठा अपने हीं अपहरण का केस दर्ज कराया वो लड़का भी बरामद कर लिया गया है.

आशीष कुमार, लूट की कहानी रचने वाला युवक ने की लूट नही हुआ था, हमसे ही गलती से दूसरे जगह शेयर बाजार इन्वेस्ट हो गया था. थाना में लूट का केस किए थे, एक लाख 27 हजार रुपए का. एप्लिकेशन का नाम शेयर बाजार है. पहली बार खेले थे.

रोहित कुमार, अपहरण की कहानी रचने वाला युवक ने कहा की मेरा कोई अपहरण नही हुआ था. हम एक ट्रेडिंग करते है, लगभग एक महीना से ट्रेडिंग करते है. एक महीना तक सबकुछ मेरा सही चला. कोटेक्स एक एप्लिकेशन है और ऑफिशियल वेबसाइट भी है वहां पर हम ट्रेडिंग करते है. मेरा सारा अकाउंट सब ओपन है. उसका पहले हम स्टडी भी किए है, लगभग दो महीने थे. पहले मुझे 20 हजार रुपया का प्रॉफिट हुआ था. मेरे पास लगभग 38 हजार रुपया था. जिसको मैंने पूरा का पूरा उस एप्लिकेशन में लगा दिया. जब पचगछिया से पूर्णिया लौट रहे थे तो हम मोबाइल चेक किए तो पता चला कि मेरा सारा पैसा डूब गया है. पापा के डर से मैंने अपने झूठे अपहरण की कहानी बनाई और अपने ममेरे भाई और बहन को व्हाट्सएप पर मेसेज कर कर कहा की मेरा अपहरण हो गया है और फिर मैं बस से भागलपुर के निकल गया और फिर रेलवे स्टेशन पर रहा और ट्रेन के जरिए भागलपुर से कहलगांव और फिर कहलगांव से भागलपुर करता रहा. जब मेरे सारे पैसे खत्म हो गए तो फिर मैंने भागलपुर पहुंच कर किसी से लिफ्ट मांग कर नवगछिया पहुंचा और फिर अपने ममेरे भाई को कॉल कर के सारी बात बताई जिसके बाद मुझे लेने पुलिस की गाड़ी आईं.

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