नवगछिया। एससी-एसटी के उप-वर्गीकरण के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ बहुजन संगठनों के द्वारा आहुत भारत बंद का नवगछिया अनुमंडल के बिहपुर, गोपालपुर दोनो विधानसभा क्षेत्र के रँगरा, नवगछिया, गोपालपुर, बिहपुर ख़रीक प्रखंड क्षेत्रों में मिलाजुला असर रहा। बंद समर्थक बिहार के एससी-एसटी और ईबीसी-बीसी के 65 प्रतिशत आरक्षण के प्रावधान को 9वीं अनुसूची में डालने, लैटरल एंट्री के जरिए भर्ती पर रोक लगाने, ओबीसी को आबादी के अनुपात में आरक्षण देने, आरक्षण की तय 50 प्रतिशत की सीमा और ओबीसी आरक्षण में क्रीमी लेयर के प्रावधान को खत्म करने, जाति जनगणना जल्द कराने और निजी क्षेत्र व हाईकोर्ट-सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति सहित हर क्षेत्र में आबादी के अनुपात में हिस्सेदारी की गारंटी करने की मांगों को भी बुलंद कर रहे थे। बंद की अगुआई सामाजिक न्याय आंदोलन (बिहार) के गौतम कुमार प्रीतम, बिहार फुले-अंबेडकर युवा मंच के अखिलेश रमण, नसीब रविदास, अशोक अंबेडकर, सुनील दास, बहुजन स्टूडेंट्स यूनियन (बिहार) के अनुपम आशीष, संतोष पासवान, सोहराब आलम, दीपक दीवान कर रहे थे। सुबह 9:30 बजे से ही तेतरी चौक, नवगछिया जीरोमाइल, जाह्नवी चौक पर बंद समर्थकों का जुटान शुरू हो गया था। बिहपुर विधानसभा क्षेत्र से बंद समर्थकों का जत्था सभी प्रखंड क्षेत्रों से जमा हुए। 11 बजे हजारों की संख्या में जत्था शांतिपूर्ण भारत बंद का नारा लगाते हुए बिहपुर प्रखंड कार्यालय होकर बाज़ार भ्रमण कर एक जगह इकट्ठा होकर सभा की। संध्या चार बजे सभा संपन्न हुई। गौतम कुमार प्रीतम और रमण ने कहा कि ऐतिहासिक बंद के जरिए बिहपुर सहित देशभर मे इस फैसले के खिलाफ आवाज बुलंद की है। इस आवाज को नरेंद्र मोदी की सरकार अनसुना नहीं करे।
संसद में बिल लाकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को रद्द करे। नसीब रविदास और अनुपम आशीष ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट भाजपा-आरएसएस का एजेंडा लागू कर रही है, फूट डालो-राज करो की नीति है। सुप्रीम कोर्ट भाजपा-आरएसएस के लिए रास्ता बना रही है, इसे बहुजन समाज बर्दास्त नहीं करेगा। दीपक दीवान और विनोद सिंह निषाद, सोहराब आलम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट-हाई कोर्ट एससी,एसटी और ओबीसी के मसले पर हमेशा ही विरोध में फैसला देती रही है। सुप्रीम कोर्ट से हाईकोर्ट तक एससी-एसटी व ओबीसी के जज नहीं के बराबर हैं। 2018 से 2023 तक हाई कोर्ट में नियुक्त जजों में एससी-3 प्रतिशत, एसटी-1.5 प्रतिशत और ओबीसी-12 प्रतिशत हैं। न्याय व्यवस्था के चरित्र को बदलने के लिए जरूरी है कि हाईकोर्ट-सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति में भी एससी-एसटी और ओबीसी को आबादी के अनुपात में हिस्सेदारी मिले। कॉलेजियम सिस्टम खत्म हो। बिहपुर बंद में बिहार फुले-अंबेडकर युवा मंच बहुजन स्टूडेंट्स यूनियन (बिहार) व राजद जिलाध्यक्ष अलख निरंजन पासवान, प्रखंड अध्यक्ष किशोर सिंह यादव, अमन आनंद, अभिषेक दास, विक्रम, पुनम कुशवाहा, शांति कुमारी, विनोद, रविंद्र, बुद्धो, बेदप्रकाश, अबोध, बच्ची, परवेज, किसान नेता निरंजन चौधरी, सुधीर, सोनु, राजेश, सुधीर सहित सैकड़ो शामिल हुए।