नवगछिया में हर माह हो रही घटना, प्रशासन बन रहा अनजान
नवगछिया : नवगछिया अनुमंडल अस्पताल से भागलपुर रेफर करने के दौरान एक महिला की मौत हो गई है, जिसके बाद एक बार फिर कमीशन के कारोबार और स्वास्थ्य व्यवस्था में लापरवाही पर सवाल उठने लगे हैं। यह ताजा मामला रंगरा प्रखंड के बैसी गांव के धनिक लाल मंडल की पत्नी देवकी कुमारी से जुड़ा हुआ है।
देवकी कुमारी का यह पहला बच्चा था और प्रसव पीड़ा होने पर उसे रंगरा पीएचसी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती किया गया। यहां चिकित्सकों ने जांच के बाद बताया कि नवजात शिशु की स्थिति गंभीर है और डिलिवरी के बाद उसे बचाना मुश्किल है। इस दौरान वहां मौजूद आशा कार्यकर्ता सुशीला देवी ने महिला के पति को निजी क्लिनिक में डिलिवरी करवाने की सलाह दी और कहा कि बच्चे की जान बचाई जा सकती है।
निजी क्लिनिक में देवकी की डिलिवरी की गई, जो नार्मल थी, लेकिन चिकित्सकों ने नवजात शिशु की हालत को देखते हुए उसे शीशा (इन्क्यूबेटर) में रखने की सलाह दी। शिशु को शीशा में रखने के बाद, महिला की हालत बिगड़ गई और उसे अनुमंडल अस्पताल में भर्ती कराया गया।
अस्पताल में महिला की स्थिति गंभीर होने के कारण उसे भागलपुर रेफर कर दिया गया, लेकिन भागलपुर अस्पताल में चिकित्सकों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया। हालांकि, नवजात शिशु की हालत अब बेहतर बताई जा रही है।
मृतका देवकी कुमारी की शादी फरवरी माह में मधेपुरा जिले के उदाकिशनगंज थाना क्षेत्र के कुमरगंज गांव के धनिक लाल मंडल से हुई थी। यह दुखद घटना नवगछिया क्षेत्र के स्वास्थ्य व्यवस्था की खामियों और कमीशन के कारोबार को उजागर करती है, जिसके कारण एक महिला की जान चली गई।
स्थानीय निवासियों और परिवारवालों का आरोप है कि स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही और निजी क्लिनिक से जुड़े कमीशन के कारण यह हादसा हुआ। अब सवाल यह उठता है कि इस तरह की घटनाओं से कैसे निपटा जाए और स्वास्थ्य विभाग इस पर क्या कदम उठाएगा .?