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नवगछिया – नवगछिया अनुमंडल में कोरोना संक्रमित रोगियों की संख्या 300 के पार हो गयी है. अनुमंडल में नवगछिया शहर के अलावा खरीक और नारायणपुर प्रखंड कोरोना हब बनता जा रहा रहा है. चिकित्सक और जानकार लोग बता रहे हैं कि अगर इतने पर भी नहीं संभले तो आये दिन स्थिति और ज्यादा विकराल होगी. मालूम हो कि कोरोना से नवगछिया में एक और खरीक में एक कुल दो व्यक्तियों की मौत भी चुकी है. नवगछिया अनुमंडल में रोजाना बड़ी संख्या में मिल रहे कोरोना मरीजों ने स्वास्थ्य विभाग को एक बार फिर से सोचने पर विवश पर कर दिया है. वर्तमान में नवगछिया में टेस्ट की संख्या बेहद कम है. विभिन्न पीएचसी और नवगछिया अनुमंडल अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार अब तक करीब पांच हजार लोगों की जांच की गयी है जिसमें लगभग 300 लोग संक्रमित पाये गए हैं. अमूमन एक सप्ताह में एक पीएचसी यानी एक प्रखंड क्षेत्र में बमुश्किल 150 से अधिक लोगों की जांच नहीं हो पा रही है. पूरे अनुमंडल से एक सप्ताह में एक हजार लोगों की जांच भी नहीं हो पा रही है. जबकि प्रत्येक प्रखंड में एक सप्ताह में कम से कम दो से ढाई हजार लोगों की जांच करने की आवश्यकता है. नवगछिया के लोगों ने कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए सैम्पलिंग बढाने और संदिग्ध लोगों का डोर टू डोर जा कर जांच करने की मांग की है।

पांच फीसदी से भी अधिक लोग पोजटिव

नवगछिया में अब तक कोरोना जांच के बाद संक्रमित लोगों की संख्या पर गौर करें तो पता चलता है कि जांच कराने वाले लोगों में पांच फीसदी लोग संक्रमित पाये गए हैं. यह आंकड़ा बेहद चौकाने वाला है. अगर इस आंकड़े को नवगछिया अनुमंडल की आबादी के हिसाब से देखा जाय तो वर्तमान में संक्रमित लोगों की संख्या हजारों में होगी. नवगछिया के लोगों का मानना है कि अधिकांश लोग सोसल डिटैनसिंग का पालन कर रहे हैं. अब लोग अपना रोजगार बंद कर घरों में तो बैठ नहीं सकते. इसलिये ऐसी स्थिति में अब रोगियों की पहचान के लिये जांच का दायरा बढ़ाने और समुचित इलाज की व्यवस्था करना चाहिये. नवगछिया में भी अब कोरोना केयर सेंटर स्थापना करने की भी जरूरत महसूस हो रही है।

यहां हो रही है लापरवाही

इन दिनों नवगछिया अस्पताल में संक्रमित पाए गए लोगों को अस्पताल ले जाने में देरी हो रही है तो दूसरी तरफ जांच रिपोर्ट आने में भी काफी विलंब हो जा रहा है. ऐसी स्थिति में जांच देने वाले संदिग्ध लोगों के संपर्क में आए लोगों का एक लंबा श्रृंखला तैयार हो जाता है. और एक के बाद एक लोग संक्रमित होते चले जाते हैं. पिछले दिनों नवगछिया अनुमंडल में ऐसे कई मामले देखे गए।

कहते हैं अस्पताल उपाधीक्षक

नवगछिया अनुमंडल अस्पताल के उपाधीक्षक सिन्हा ने बताया कि नवगछिया में बढ़ते कोरोनावायरस संक्रमित मामलों को देखते हुए टेस्ट बढ़ाए जाने की रणनीति पर विचार किया जा रहा है. टेस्ट रिपोर्ट आने में इसलिए विलंब हो रहा है कि भागलपुर या पटना जहां भी यह टेस्ट किया जाता है वहां पहले से काफी सैंपल पहले से पड़े रहते हैं. उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट आने के बाद नवगछिया अनुमंडल अस्पताल द्वारा मरीज को कोरोना केयर सेंटर भेजने में तनिक भी विलंब नहीं किया जाता है. अब संक्रमित लोग जाने को तैयार ना हो तो किस में अस्पताल प्रशासन कुछ भी कर पाने में सक्षम नहीं हो पाता है. ऐसी स्थिति में पुलिस के सहयोग की जरूरत होती है।

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