-घटनास्थल पर जुटी भीड को देख एनएच किनारे पानी में कूदकर भागे चालक खलासी
नवगछिया थाना क्षेत्र के एनएच 31 स्थित कामाख्या पेट्रोल पंप के पास तेतरी जीरो माइल से नवगछिया आ रहे बाईक सवार दो लोगों को बेलगाम ओवरलोड हाइवा ने रौंद डाला. जिससे कि बाईक पर पीछे में बैठे एक लोगों की घटना स्थल पर ही मौत हो गई है, जबकि बाइक चला रहे युवक गंभीर रूप से घायल हो गए. दोनों युवक नवगछिया थाना क्षेत्र के उजानी गांव के रहने वाले हैं. मृतक की पहचान उजानी निवासी मो फारुक के पुत्र मो मासूम (20) और घायल युवक की पहचान मो अन्जार के पुत्र मोहम्मद मुजाहिद (18) के रूप में की गई है.
बताया जाता है कि दोनों युवक आपस में दोस्त थे और तेतरी जीरोमाइल चौक स्थित अंडे की दुकान चलाते थे. दोनों एक ही बाइक पर सवार होकर अपने घर उजानी लौट रहे थे. इसी दौरान हादसे का शिकार हो गए परिजनों को सूचना मिलते ही परिजन बडी संख्या में लोगों के साथ घटना स्थल पर पहुंचे और शव को सड़क के बीचों बीच रखकर प्रशासन के विरुद्ध एवं मुआवजे की मांग को लेकर प्रदर्शन करने लगे.
इस दौरान आक्रोशित लोगों ने दो घंटे के लिए एनएच 31 जाम कर दिया. इस दौरान लगभग 2 घंटे तक एनएच 31 सड़क मार्ग पर आवागमन बाधित हो गया. जिसके फलस्वरूप दोनों ओर हल्के एवं भारी वाहनों की लंबी कतारें लग गई. एनएच पर जाम की सूचना पर लगभग दो घंटे के बाद नवगछिया अंचलाधिकारी विश्वास आनंद, नगर पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि प्रेम सागर उर्फ डब्ल्यू यादव, वार्ड पार्षद मुन्ना भगत, नवगछिया थाना पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और उग्र भीड़ को समझाने का काफी प्रयास किया मगर आक्रोशित लोग मानने के लिए तैयार नहीं हो रहे थे. इसके बाद प्रशासनिक पदाधिकारीयों द्वारा चार लाख मुआवजे के आश्वासन के बाद जाम को हटाया गया.
इसके बाद पुलिस द्वारा शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए नवगछीया अनुमंडल अस्पताल भेज दिया गया है. जबकि घायल मोहम्मद अंजार के पुत्र मो सहजाद नवगछिया अनुमंडल अस्पताल में इलाजरत है. वहीं दूसरी ओर घटनास्थल पर लोगों की जुटी भीड़ को देख दुर्घटनाग्रस्त हाईवा के चालक और खलासी एनएच 31 किनारे पानी में कूदकर भाग निकले. इस बाबत नवगछिया अंचलाधिकारी विश्वास आनंद ने बताया कि मृतक के परिजनों को 4 लाख की मुआवजा राशि जल्द दी जाएगी. घटना के बाद मृतक युवक के घरों में कोहराम मच गया है. परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है.
मृतक अपने पांच भाई बहनों में सबसे बड़ा और एक मात्र कमाऊ सदस्य था. जो इंटर में पढ़ाई के साथ-साथ अंडे की दुकान चलाकर अपने परिवार का भरण पोषण करता था. वहीं भीड़ में आसपास के लोगों में चर्चा कर रहे थे कि अगर हेलमेट पहने रहते तो घटना में मोत नहीं होता.