

नवगछिया अनुमंडलीय अस्पताल के सामने और अस्पताल रोड में अवैध क्लिनिक, अल्ट्रासाउंड, एक्सरे, और जांच घरों की बढ़ती संख्या आम लोगों के लिए गंभीर खतरा बन गई है। दर्जनों क्लिनिक और जांच घर चल रहे हैं जिनके पास अलग-अलग एमबीबीएस डॉक्टरों की डिग्री है। लेकिन इन डॉक्टरों का वास्ता केवल पैसे कमाने से है, और वे स्वयं वहां उपस्थित नहीं होते।

सरकारी नियमों के अनुसार, डॉक्टरों को अपने कार्य क्षेत्र के 8 किलोमीटर की परिधि में ही अपनी डिग्री का उपयोग करना चाहिए। इसके बावजूद, नवगछिया अनुमंडलीय अस्पताल के समीप स्थित जांच घरों में बेगूसराय, कटिहार, और भागलपुर शहर के डॉक्टरों की डिग्री लटकी हुई है। यह स्थिति नवगछिया अनुमंडल अस्पताल प्रशासन की लापरवाही और मोटे पैसों के लेनदेन के कारण वर्षों से चल रही है।

पैसा उगाही का इस कदर बोलबाला है कि एक दूसरे के रिपोर्ट को गलत साबित करने में भी लगे रहते हैं। केंद्र द्वारा एक दूसरे के रिपोर्ट को गलत बता कर अपने केंद्र का रिपोर्ट सही बताया जाता है। इस चक्कर में ग्रामीण और कम पढ़े लिखे लोग आसानी से बेवकूफ बन कर ठगी का शिकार हो रहे हैं।
अविवेकपूर्ण ढंग से प्रशिक्षित लोगों द्वारा किए जा रहे जांच और अल्ट्रासाउंड से लोगों की जान और इलाज में घोर लापरवाही हो रही है। एक दुकानदार, जिसने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि डॉक्टर की डिग्री प्राप्त करने के लिए दो लाख खर्च करने पड़े और हर साल दो लाख डॉक्टर और 50 हजार अन्य को मैनेज करने हेतु पहुंचाए जाते हैं ताकि उनका जांच घर और अल्ट्रासाउंड केंद्र चलता रहे।

नवगछिया में अनुमंडलीय अस्पताल की बेहतर स्थिति के बावजूद, अस्पताल की गेट और रोड पर दर्जनों अवैध जांच घर, अल्ट्रासाउंड और पैथोलॉजी लैब फल-फूल रहे हैं। यह स्थिति आम लोगों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न कर रही है और जल्द ही प्रशासन को इस पर कड़ा कदम उठाने की आवश्यकता है।