लेकिन हालात यह है कि कार्ड व काम देने के बजाय गांव-पंचायत में मनरेगा कर्मी सत्ता- प्रशाशन मनरेगा योजना की लूट में मशगूल है. मनरेगा में मसीन या गैर रोजगार देने वाली योजना में खर्च कर लूट जारी है. मनरेगा कर्मी वार्ड-पंचायत में रोजगार दिवस का भी आयोजन नहीं करते हैं रोजगार सेवक पंचायत में रहता तक नहीं है. सरकार मनरेगा में कम मजदूरी देकर श्रम कानून का उलंघन कर रही है.
नवगछिया :प्रखंड मुख्यालय के मनरेगा भवन के समक्ष सैकड़ों पुरूष- महिला मजदूरों के साथ मनरेगा मजदूर सभा के द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया. इस मौके पर आयोजित धरना प्रदर्शन को संबोधित करते हुए मनरेगा मजदूर सभा के राज्य अध्यक्ष पंकज सिंह ने कहा कि मनरेगा को लूट का अड्डा बना रखा है. मनरेगा ग्रामीण भारत के लिए एक मात्र रोजगार गारंटी कानून बना है जो पिछले15 वर्षों से समस्त भारत में लागू है. कानून कहता है कि काम व कार्ड के इच्छुक18 वर्ष से अधिक आयु को कार्ड पाने साल में एक सौ दिन काम, काम नहीं तो भत्ता पाने का हकदार है.
न्यूनतम मजदूरी तक भी नहीं दे रही है. मनरेगा मजदूरों की हकमारी के खिलाफ संगठित आवाज उठाने की जरूरत है. मनरेगा मजदूरों को साल में दो सौ दिन काम और न्यूनतम मजदूरी पांच सौ रुपये तय करनी चाहिए. कृषि कार्य से मनरेगा को जोड़ने की जरूरत है.
मनरेगा मजदूरों को कार्ड व काम नहीं तो भत्ता दो साथ ही निर्माण श्रमिकों के भांति निबंधन एवं सभी सुविधाएं के लिए मनरेगा मजदूर सभा संगठित होकर अपनी आवाज बुलंद करेंगे. पटना- दिल्ली की सरकार आम- कल्याणकारी जन उपयोगी कानून को समाप्त कर कॉरपोरेट घरानों के हाथों देश को नीलाम करने में तुला है. किसान विरोधी तीनों कृषि कानून,खेत- खेती व किसानी को कॉरपोरेट घरानों के हाथों नीलम करने के लिए लाया है. यह कानून मुल्क में खाद्य सामग्री संकट पैदा करने और जमाखोरी को बढ़ावा देने के लिए है. हम
किसान आंदोलन के प्रति एकजुटता प्रतीत करते हैं.
सभा को संबोधित किए इंकलाबी नौजवान सभा के राज्य सह सचिव गौरीशंकर राय, सभा की अध्यक्षता कर रहे राधे श्याम रजक एवं संचालन गुरदेव सिंह ने भी संबोधित किया. इस मौके पर राजकिशोर यादव,रवि मिश्र, वकील मंडल, रामबालक, रामचरण, पूरण मंडल, विठ्ठल मंडल, बालेश्वर ठाकुर, विन्देश्वरी शर्मा, लक्ष्मी दास, तिरवेनी शर्मा, विनोद कुमार सहित सैकड़ो की संख्या में मनरेगा मजदूर महिलाएं और पुरुष शामिल थे.