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  • पांच वर्षों में नहीं बन सका एप्रोच पथ
  • कुल 44.42 डिसिमल रैयती भूमि का होना था अधिग्रहण

ऋषव मिश्रा ‘कृष्णा’, मुख्य संपादक,जीएस न्यूज

नवगछिया – मालपुर दियारा घाट और अभिया घाट के बीच लोगों के आवागमन की परेशानी को देखते हुए सरकार ने करीब 18 लाख की लागत से एक पुल का निर्माण कराया है. लेकिन मालपुर दियारा घाट की ओर एप्रोच पथ निर्माण नहीं होने से 202.90 मीटर लंबे इस पुल पर आवागमन संभव नहीं हो पाया. ग्रामीण लगातार एप्रोच पथ निर्माण कराने की मांग कर रहे थे, लेकिन ग्रामीणों की मांगों को लगातार नजरअंदाज किया जाता रहा. ग्रामीण कहते हैं कि अगर पुल चालू रहता तो आज नाहक ही चार लोगों की जानें नहीं जाती.

पांच वर्षों में नहीं बन सका एप्रोच पथ

पुल का निर्माण कार्य वर्ष 2014 – 2015 में शुरू हुआ था और वर्ष 2017 में इस पुल का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया. अभिया की ओर से यह पुल एप्रोच पथ से जुड़ा हुआ है. जब मालपुर की ओर से एप्रोच पथ की बात सामने आयी तो पता चला कि जमीन रैयती है. 27 जनवरी 2020 को ग्रामीण कार्य विभाग कार्य प्रमंडल नवगछिया ने एक पत्र लिख कर विभागीय अभियंता प्रमुख को जानकारी दी थी कि कुल 44.42 डिसिमल रैयती भूमि का अधिग्रहण होना है और जिसमें करीब 8.18 लाख रुपये का खर्च आना है. ग्रामीण बताते हैं कि जमीन देने के लिये लोग तैयार थे लेकिन विभाग ने मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया. मालपुर दियारा घाट और अभिया घाट नाव का परिचालन कोई नई बात नहीं है. रोजना कई लोग नाव के माध्यम से इस पार से उस पार जाते हैं. फिर भी इस घाट पर किसी भी प्रकार की प्रशासनिक नजर नहीं थी, जो आश्चर्यजनक तथ्य है. ग्रामीणों ने बताया कि अगर वे लोग नाव का उपयोग नहीं करने पर ग्रामीणों को बीस किलोमीटर नवगछिया होकर अभिया बाजार आना पड़ेगा. स्थानीय जनप्रतिनिधि इस्माइलपुर के जिला परिषद सदस्य विपिन मंडल, पूर्व मुखिया संजय मंडल, स्थानीय ग्रामीण सुभाष कुमार, पन्नालाल सिंह आदि लोगों ने कहा कि संपर्क पथ समय पर बन गया रहता तो यह हादसा आज नहीं होता. स्थानीय लोगों ने बताया कि यहां पूर्व में भी नाव हादसा हुआ है.

त्योहारों की खुशी, रुदन क्रंदन में हुआ तब्दील

नेवालाल दास टोला मोरकहिया गांव में दीपावली काली पूजा और आने वाले अन्य त्योहारों को लेकर ग्रामीणों और खास कर बच्चों में उत्साह था. मृतकों के आस पास के लोगों ने बताया कि गांव के आस पास काली मंदिर में मेला नहीं लगता है, लेकिन अभिया गांव का काली मेला काफी प्रसिद्ध है. आज गांव की कई महिलाएं मेला जाने वाली थी, जिसको लेकर घर के बच्चों में काफी उत्साह था. सभी बच्चे समय से पहले ही तैयार हो गए थे. करीब साढ़े तीन बने सभी मेले के लिये निकले थे. मृत बालक सुमन के पिता विकास मंडल ने बताया कि शाम साढ़े पांच बजे उनको अभिया गांव से एक संबंधी ने घटना की सूचना दी. जिसके बाद वे घाट पर पहुंचे. इधर मृतिका रंभा देवी के पति और मृत बच्चों के पिता अनिरुद्ध मंडल दिल्ली में मजदूरी करते हैं. घटना की सूचना मिलते ही वे घर के लिये रवाना हो गए थे. इधर देर रात गोपालपुर और इस्माइलपुर पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवाने के लिये चारो शवों को अनुमंडल अस्पताल भेज दिया है. देर रात बड़ी संख्या में ग्रामीणों के साथ इस्माइलपुर के जिला पार्षद विपिन कुमार मंडल अस्पताल में मौजूद थे.

परिजनों को मिले समुचित मुआवजा और सरकारी नौकरी

इस्माइलपुर के जिला पार्षद विपिन कुमार मंडल ने कहा कि यह एक बड़ी घटना है. पीड़ित परिवार को समुचित मुआवजा और एक आश्रित को सरकारी नौकरी मिलना चाहिए और भविष्य में इस तरह की घटना न हो इसके लिये भी प्रशासन को सबक लेना चाहिये.

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने व्यक्त किया दुख

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि उक्त घटना अत्यंत दुखद और पीड़ादायक है. वे गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं. ईश्वर परिजनों को असीम दुख सहने की ताकत दें.

मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन को अविलंब अनुग्रह राशि उपलब्ध कराने का निर्देश

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घटना पर ट्वीट करते हुए कहा है कि घटना दुखद है. मृतकों के परिजनों के प्रति गहरी संवेदना है. आश्रितों को चार – चार लाख रुपये की अनुग्रह राशि अविलंब उपलब्ध कराने का निर्देश जिला प्रशासन को दिया गया है.

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