नवगछिया : नव वर्ष 2025 के अवसर पर नवगछिया के सुप्रसिद्ध तेतरी वाली दुर्गा मंदिर में आस्था का अनोखा नजारा देखने को मिला। कड़ाके की ठंड और शीतलहर के बावजूद भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। पूरे दिन सूरज के दर्शन नहीं हुए, और ठंडी हवाएं शरीर को कंपा रही थीं, लेकिन श्रद्धालुओं की आस्था इन मुश्किल हालातों पर भारी पड़ी।
ठंड के बावजूद आस्था का जोश
सुबह से ही मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया। ठंड से बचने के लिए कई लोग ऊनी कपड़े और रजाई ओढ़कर पहुंचे। बावजूद इसके, भक्तों ने पूरी श्रद्धा और उत्साह के साथ माँ दुर्गा की पूजा-अर्चना की।
मंदिर में दर्शन के लिए आई सुनीता देवी ने कहा, “ठंड बहुत है, लेकिन माँ के दर्शन के लिए इतनी ठंड भी कोई मायने नहीं रखती। नव वर्ष की शुरुआत माँ के आशीर्वाद से करना मेरे लिए सबसे बड़ी खुशी है।”
वहीं, 20 वर्षीय युवक आशीष कुमार ने कहा, “सुबह से हाथ-पैर ठंड से सुन्न हो रहे थे, लेकिन जैसे ही माँ दुर्गा के दर्शन किए, सब कुछ ठीक महसूस होने लगा।”
दिनभर नहीं हुआ सूर्योदय
नव वर्ष के पहले दिन पूरे इलाके में सूर्य देव के दर्शन नहीं हुए। आसमान में बादलों की घनी परत छाई रही, जिससे ठंड और बढ़ गई। लेकिन मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बनता था। हर तरफ भजन-कीर्तन और जयकारों की गूंज सुनाई दे रही थी।
भक्तों की सुरक्षा और प्रबंधन
कड़ाके की ठंड के बावजूद मंदिर प्रबंधन और स्थानीय प्रशासन ने सुरक्षा और व्यवस्था का पूरा ध्यान रखा। श्रद्धालुओं के लिए गर्म पानी और अलाव की व्यवस्था की गई थी।
मंदिर समिति के अध्यक्ष ने बताया, “हर साल नव वर्ष पर यहाँ बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। इस बार ठंड के कारण चुनौतियां थीं, लेकिन भक्तों की संख्या में कोई कमी नहीं आई। हमने सुरक्षा और सुविधा का पूरा ध्यान रखा है।”
विशेष सजावट और धार्मिक कार्यक्रम
मंदिर को इस खास मौके पर फूलों और रोशनी से सजाया गया। सुबह 4 बजे से ही आरती और भजन-कीर्तन का आयोजन शुरू हो गया था, जिसमें श्रद्धालुओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
आस्था का संदेश
मंदिर के पुजारी ने कहा, “ठंड और शीतलहर जैसे प्राकृतिक कठिनाइयाँ आस्था को नहीं रोक सकतीं। माँ दुर्गा के आशीर्वाद से भक्तों को नई ऊर्जा और उत्साह मिलता है।”
नव वर्ष पर उमड़ा उत्साह
दर्शन के बाद भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया और नव वर्ष की शुभकामनाएं दीं। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, हर कोई माँ दुर्गा के चरणों में आकर खुद को धन्य मान रहा था।
नव वर्ष पर ठंड और शीतलहर के बीच तेतरी वाली दुर्गा मंदिर में उमड़ी भक्तों की भीड़ ने एक बार फिर साबित कर दिया कि सच्ची आस्था किसी भी कठिनाई को मात दे सकती है।