रंगरा के तीनटेंगा दियारा गांव में भी सर्प दंश का मामला प्रकाश में आया है. जानकारी मिली है कि मो कुलो के पुत्र युवक मो इस्तकार गांव में ही काम कर रहे थे और इसी दौरान उसे एक सांप ने डस लिया. परिजनों द्वारा उसे इलाज के लिये नवगछिया अनुमंडल अस्पताल लाया गया. जहां इलाज के बाद इस्तकार की स्थिति सामान्य थी.
कहते हैं चिकित्सक
नवगछिया अनुमंडल अस्पताल के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ देवव्रत ने कहा कि गर्मी का मौसम है, ऐसे में ज्यादातर सांप गर्मी से परेशान हो कर बाहर घूमते हैं. ऐसे समय मे सर्प दंश की घटनाओं में वृद्धि हो जाती है. लेकिन सर्प दंश के बाद लोग निम हकीम के चक्कर मे फंस जाते हैं, जिससे मरीज की जान चली जाती है. सर्प दंश की स्थिति में सबसे पहले पीड़ित को बिल्कुल नहीं डरना चाहिए और तुरंत नजदीक के सरकारी अस्पताल में आना चाहिए. जो ससमय अस्पताल आते हैं, उनकी निश्चित रूप से जान बच जाती है.