ग्रामीणों के पहुंचने पर दुकानदार ने दोबारा गलती नही होने की बात कहकर मांगी क्षमा
नवगछिया। ‘मंदिर” जहां लोग किसी विशेष आस्था व परंपरा के तहत पूजा अर्चना या आध्यात्मिक गतिविधियों के लिए एकत्रित होते हैं। ‘मंदिर” ईश्वर की आराधना और पूजा अर्चना के लिए निश्चित की हुई जगह या देवस्थान होता है। यानी जिस जगह पर किसी आराध्य देव के प्रति ध्यान या चिंतन किया जाए उसे मंदिर कहते हैं। वही नारायणपुर प्रखंड अंतर्गत नवटोलिया गांव स्थित मां दक्षिणेश्वरी काली मंदिर में ठीक इसके बिल्कुल विपरीत कुव्यवस्थाएँ देखने को मिलता है। बता दें कि इस मंदिर में प्रार्थना व ध्यान चिंतन नही बल्कि ताश पत्ती खेलने वाले गजेरियों की टोली मंदिर के बिल्कुल समीप बैठकर ठहाके लगाते हैं। इतना ही नही इस मंदिर में स्थानीय कुछ नास्तिक लोगों के द्वारा ईश्वर एवं धर्म का मजाक भी उड़ाया जाता है। स्थानीय लोग ही मंदिर के आसपास शाम ढलते ही किराना दुकान, भुजा, मिठाई व पान दुकानों के आड़ में शराब व गाजा का सेवन करते नजर आते है। इसी कड़ी में ताजा मामला गुरुवार देर रात मंदिर परिसर में ग्रामीण स्टेशनरी दुकानदार के द्वारा एक मकई व्यवसाई से पैसे मांगने का मामला प्रकाश में आया है।
मिली जानकारी के अनुसार भवानीपुर थाना क्षेत्र के मधुरापुर निवासी मकई व्यवसाई राजीव साह पिता स्व यदुनंदन साह व उनके पिकअप वाहन चालक से स्थानीय ग्रामीण दुकानदारों के द्वारा वाहन को खड़ी करने के लिए रुपये की मांग की गई। वही जब मकई व्यवसाई राजीव साह ने कहा कि कल भी दानपेटी में रुपये डाले हैं। फिर किसी दिन दे देंगे तो उस दुकानदार ने उल्टा सीधा बोलना शुरू कर दिया। एक अन्य व्यक्ति दो गमछी की मांग मकई व्यवसाई से कर रहे थे। वही इस बात की जानकारी ग्रामीणों को मिलते ही कई ग्रामीण मंदिर पहुंचे और उस दुकानदार से पैसे मांगने का कारण पूछा। जहां माहौल देख उस दुकानदार ने क्षमा मांगते हुए दोबारा ऐसी गलती नही करने की बात ग्रामीणों से कही। गौरतलब हो कि काली मंदिर नवटोलिया के नाम पर चंदे के रूप में जो भी राशी दानपेटी या अन्य माध्यम से आती है उसका हिसाब व लेखाजोखा किसी के पास नही है। जबकि प्रति वर्ष इस मंदिर में सोने चांदी के आभूषण समेत लाखों रुपये का चढ़ावा आता है। ये राशि न तो मंदिर के विकास में लग रहा है और न राशि का सदुपयोग हो रहा है। इसे धर्म व ईश्वर के नाम पर छल नही तो और क्या कहेंगे? क्योकि मंदिर व काली माता के नाम पर मिलने वाली राशी को स्थानीय कुछ लोग आपस मे बांटकर खा रहे हैं। इस बारे में भवानीपुर थानाध्यक्ष महेश कुमार ने कहा कि मामले की जानकारी नही मिली है, आवेंदन मिलने पर जांचोपरांत कार्यवाई की जाएगी।