जदयू नेता हरिवंश नारायण सिंह के उद्घाटन कार्यक्रम में पहुंचने पर राजनीतिक सरगर्मी हुई तेज
भागलपुर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 मई रविवार को नए संसद भवन का उद्घाटन वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ किया सबसे पहले पूजा कर सैंगोल की स्थापना की उद्घाटन के शुरुआत में मंत्रोच्चारण हुआ उसके बाद सेंगोल स्थापित कर संसद का विधिवत उद्घाटन हुआ, इसको लेकर विपक्षी काफी नाखुश हैं ,उनका साफ तौर पर कहना है कि देश का सबसे बड़ा सम्मानित पद अगर है तो वह है महामहिम राष्ट्रपति का लेकिन उस सदन का.
उद्घाटन अपने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा किया गया यह कहीं से सही नहीं है ,नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति महामहिम द्रौपदी मुर्मू को करनी चाहिए थी, लेकिन संसद भवन के उद्घाटन में जदयू के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह वहां पहुंचे हुए थे उसको लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है, इस मुद्दे को लेकर भागलपुर विधायक सह कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता अजीत शर्मा ने कहा हरिवंश नारायण सिंह जदयू के नेता हैं.
लेकिन जैसा उनका क्रियाकलाप है इससे यह प्रतीत होता है कि वह भारतीय जनता पार्टी में विलीन होना चाहते हैं, विपक्ष चाहे कांग्रेस हो राजद हो जदयू हो सभी इस बात को लेकर नाखुश है वहीं जदयू के नेता हरिवंश नारायण सिंह उस कार्यक्रम में उपस्थित हुए यह शुभ संकेत नहीं है वह अपनी पार्टी के साथ गद्दारी कर रहे हैं उन्हें पार्टी की मर्यादा में रहनी चाहिए थी वही अजीत शर्मा ने कहा जदयू नेता हरिवंश नारायण सिंह जदयू में रहने का दिखावा करते हैं लेकिन शायद वह अंदर से वह भारतीय जनता पार्टी के समर्थक हैं।