भागलपुर जंक्शन के दक्षिण तरफ नए प्रवेश द्वार और टिकट काउंटर का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। अक्टूबर में नया प्रवेश द्वार शहरवासियों को तोहफा के रूप में मिलेगा। प्रवेश गेट खुलने से दक्षिण क्षेत्र के लोगों को ट्रेन पकड़ने के लिए उल्टा पुल के रास्ते होकर जंक्शन नहीं आना होगा। इससे शहर के तीन लाख आबादी को सहूलियत होगी। मालदा मंडल के डीआरएम यतेंद्र कुमार सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में यह जानकारी दी। उन्होंने वित्तीय और चालू वर्ष में मंडल के कार्यों का ब्यौरा भी प्रस्तुत किया। डीआरएम ने कहा कि चालू वित्तीय वर्ष काफी उपलब्धि भरा रहा। साहिबगंज भागलपुर के बीच विद्युतीकरण का काम पूरा हुआ। बांका रेल सेक्शन छोड़कर मंडल का हर रेलखंड विद्युतीकरण हो गया है। माल ढुलाई पिछले साल की तुलना में इस बार ज्यादा है। यात्रियों की भीड़ को देखते हुए आधा दर्जन ट्रेनों में जनरल, स्लीपर और एसी कोच की संख्या बढ़ाई गई।
दरअसल, जंक्शन पर एक ही प्रवेश द्वार होने के कारण दक्षिण इलाके के शिवपुरी कॉलोनी, मिरजान हाट, बबरगंज, सिंकदरपुर, अलीगंज, मोजाहिदपुर इलाके में रहने वाले करीब चार लाख लोगों को ट्रेन पकडऩे के लिए उल्टा पुल होकर आना पड़ता है। ऐसे में लोगों को ट्रेनें भी छूट जाती है। लोगों की परेशानी को देखते हुए रेलवे ने नए प्रवेश द्वार बनाने का निर्णय लिया। मार्च 2020 तक टारगेट रखा गया था। लेकिन, लॉकडाउन की वजह से विलंब हो गया।
आरपीएफ बैरक के बगल में बन रहा गेट
दक्षिण तरफ स्थित आरपीएफ बैरक के रास्ते में नए प्रवेश द्वार का निर्माण कराया जा रहा है। पूर्वी फुट ओवर ब्रिज को नए प्रवेश द्वार की तरफ बढ़ाया जाएगा। जगह कम होने की वजह से नए रास्ते में पार्किंग की व्यवस्था नहीं होगी। यह रास्ता सिर्फ यात्रियों के आने-जाने के लिए होगा।
मुख्य टिकट काउंटर पर दबाव होगा काम
भागलपुर जंक्शन के दक्षिणी छोर पर दो नए टिकट काउंटर बनाने की भी तैयारी है। काउंटर बनने के बाद दर्जनों मोहल्ले के लोगों को राहत मिलेगी। करीब तीन लाख की आबादी को इससे सहूलियत होगी। टिकट काउंटर बनने के बाद मुख्य टिकट काउंटर पर यात्रियों का दबाव कम होगा।