


भवानीपुर पुलिस और सीओ पर लगाए गंभीर आरोप
नवगछिया : एक ओर जहां बिहार सरकार भ्रष्टाचार मुक्त राज्य बनाने के लिए जीरो टॉलरेंस नीति की बात कर रही है, वहीं दूसरी ओर जमीनी स्तर पर अधिकारियों द्वारा फरियादों की अनदेखी से लोग आत्महत्या जैसे कदम उठाने को मजबूर हो रहे हैं।
सोमवार को नवगछिया अनुमंडल क्षेत्र के नारायणपुर प्रखंड के पहाड़पुर गांव निवासी अरुण ठाकुर ने नारायणपुर अंचल कार्यालय के सामने जमीनी विवाद में न्याय नहीं मिलने से दुखी होकर जहरीला पदार्थ खाकर जान देने का प्रयास किया।
बताया जाता है कि घटना के समय नारायणपुर के अंचलाधिकारी विशाल अग्रवाल कार्यालय में मौजूद नहीं थे। पीड़ित अरुण ठाकुर ने नारायणपुर सीओ और भवानीपुर पुलिस पर आरोप लगाया कि कई बार आवेदन देने और गुहार लगाने के बावजूद उसकी समस्या की सुनवाई नहीं की गई।

अरुण ठाकुर ने बताया कि गांव के रंजय ठाकुर और पारस ठाकुर से उसका जमीनी विवाद चल रहा है। रास्ता बंद कर जबरन कब्जा कर लिया गया है। इस संबंध में अंचलाधिकारी को आवेदन दिया गया था और फैसला भी आया, लेकिन आदेश के बावजूद रास्ता अवरुद्ध करने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। भवानीपुर थाना का भी कई बार चक्कर काटने के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हुई।
आक्रोशित होकर सोमवार को अरुण ठाकुर ने अंचल कार्यालय के सामने हाथ में जहरीला पदार्थ लेकर हंगामा शुरू कर दिया और विषपान कर जान देने का प्रयास किया। मौके पर मौजूद अंचल गार्ड सहित कई लोगों ने उसे रोकने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं माना।
हालत बिगड़ने पर आननफानन में उसे नारायणपुर पीएचसी में भर्ती कराया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद गंभीर स्थिति को देखते हुए मायागंज अस्पताल भागलपुर रेफर कर दिया गया। नारायणपुर पीएचसी प्रभारी डॉ. विनोद कुमार ने बताया कि पीड़ित के मुंह से जहरीले पदार्थ जैसी दुर्गंध आ रही थी। फिलहाल उसकी स्थिति खतरे से बाहर है।
इस पूरे प्रकरण पर अंचलाधिकारी विशाल अग्रवाल से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।
यह घटना एक बार फिर सिस्टम में व्याप्त भ्रष्टाचार और लापरवाही की पोल खोलती है, जहां फरियादियों को न्याय पाने के लिए अपनी जान दांव पर लगानी पड़ रही है।
