नारायणपुर प्रखंड क्षेत्र के गंगा – कोशी नदी के बीच में अवस्थित जयपुर चूहर पश्चिम पंचायत के सुदूर गांव आशाटोल निवासी शिक्षक भगवान शर्मा व गृहिणी रंजना देवी के इकलौता संतान प्रेमशंकर ने बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सहायक निदेशक – सह – जिला जनसंपर्क पदाधिकारी की लिखित परीक्षा में सफल होकर साक्षात्कार के लिए चयनित हुवें. जहां साक्षात्कार के अंतिम चयन मेघासूची में प्रेमशंकर ने पहले ही प्रयास में बाजी मारकर डीपीआरओ बन गये.
प्रेमशंकर ने बताया कि पांच वर्ष के उम्र में शहर के स्थानीय बोर्डिंग स्कूल में दाखिला मिला. 2007 में पिता का चयन नियोजित शिक्षक के रूप में मध्य विद्यालय मनोहरपुर में हुआ. उसी वर्ष डीपीएस भागलपुर में प्रवेश मिला और वर्ष 2012 में सीबीएसई बोर्ड से इसी विद्यालय से मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण हुआ. उन्होंने बताया कि वहीं सिविल सेवा में जाने का सपना आकार लेने लगा.मैने जूनियर काॅलेज की शिक्षा तामिलनाडू से लिया है. मुंबई विश्वविद्यालय से मास मिडिया में स्नातक किया हूं और इग्नू से पत्रकारिता बिषय से पीजी शूरू किया. इस दौरान यूपीएससी व बीपीएससी की परीक्षा की तैयारी जारी रहा.उन्होंने यह भी बताया कि हाल ही में काॅलेज मित्रों के साथ एक मार्केटिंग एजेंसी के लिए काम करना शुरू किया है.
बीपीएससी द्वारा आयोजित सहायक निदेशक – सह – जिला जनसंपर्क पदाधिकारी की परीक्षा में 60 हजार परीक्षार्थियों में 83 साक्षात्कार के लिए चयन हुवें.जिसमें 31 परीक्षार्थियों का चयन अंतिम मेघासूची के आधार पर हुआ. जिसमें प्रेमशंकर शामिल है.
फूले नहीं समा रहें हैं माता-पिता – मध्य विद्यालय मनोहरपुर में सहायक शिक्षक भगवान शर्मा व गृहिणी रंजना देवी बेटे की इस सफलता पर फूले नहीं समा रहे हैं. उन्होंने कहा कि भगवान व गुरू महाराज की कृपा से बच्चें की मेहनत ने सफलता पायी. खबर सुनते ही इलाके में बधाई व शुभकामना का दौर चल पड़ा.प्रखंड क्षेत्र के गंगा – कोशी नदी के बीच में अवस्थित जयपुर चूहर पश्चिम पंचायत के सुदूर गांव आशाटोल निवासी शिक्षक भगवान शर्मा व गृहिणी रंजना देवी के इकलौता संतान प्रेमशंकर ने बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सहायक निदेशक – सह – जिला जनसंपर्क पदाधिकारी की लिखित परीक्षा में सफल होकर साक्षात्कार के लिए चयनित हुवें. जहां साक्षात्कार के अंतिम चयन मेघासूची में प्रेमशंकर ने पहले ही प्रयास में बाजी मारकर डीपीआरओ बन गये.
प्रेमशंकर ने बताया कि पांच वर्ष के उम्र में शहर के स्थानीय बोर्डिंग स्कूल में दाखिला मिला. 2007 में पिता का चयन नियोजित शिक्षक के रूप में मध्य विद्यालय मनोहरपुर में हुआ. उसी वर्ष डीपीएस भागलपुर में प्रवेश मिला और वर्ष 2012 में सीबीएसई बोर्ड से इसी विद्यालय से मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण हुआ. उन्होंने बताया कि वहीं सिविल सेवा में जाने का सपना आकार लेने लगा.मैने जूनियर काॅलेज की शिक्षा तामिलनाडू से लिया है. मुंबई विश्वविद्यालय से मास मिडिया में स्नातक किया हूं और इग्नू से पत्रकारिता बिषय से पीजी शूरू किया. इस दौरान यूपीएससी व बीपीएससी की परीक्षा की तैयारी जारी रहा.उन्होंने यह भी बताया कि हाल ही में काॅलेज मित्रों के साथ एक मार्केटिंग एजेंसी के लिए काम करना शुरू किया है.
बीपीएससी द्वारा आयोजित सहायक निदेशक – सह – जिला जनसंपर्क पदाधिकारी की परीक्षा में 60 हजार परीक्षार्थियों में 83 साक्षात्कार के लिए चयन हुवें.जिसमें 31 परीक्षार्थियों का चयन अंतिम मेघासूची के आधार पर हुआ. जिसमें प्रेमशंकर शामिल है.
फूले नहीं समा रहें हैं माता-पिता – मध्य विद्यालय मनोहरपुर में सहायक शिक्षक भगवान शर्मा व गृहिणी रंजना देवी बेटे की इस सफलता पर फूले नहीं समा रहे हैं. उन्होंने कहा कि भगवान व गुरू महाराज की कृपा से बच्चें की मेहनत ने सफलता पायी. खबर सुनते ही इलाके में बधाई व शुभकामना का दौर चल पड़ा.