डुमरिया से तिनटंगा दियारा जाने वाली सड़कों पर नहीं चल पा रही है अब भी चार पहिया वाहन।
रंगरा प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत बाढ़ का पानी सड़कों से उतरने के साथ ही सड़कों की तबाही दिखने लगी है। सड़कों की तबाही का यह मंजर लोगों के आवागमन पर पानी फेर रहा है।
जी हां, हम बात कर रहे हैं डुमरिया तीनटंगा दियारा सड़क मार्ग की। जो इस बार आई भीषण बाढ़ में पूरी तरह दर्जनों जगहों पर कटकर बर्बाद हो गई है। महज 5 किलोमीटर लंबी सड़क पर तीनटंगा दियारा के 4 पंचायतों की 30 हजार की आबादी आवागमन के लिए निर्भर करती है। यह सड़क क्षतिग्रस्त हो जाने से इतनी बड़ी आबादी को आवागमन के लिए बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। तीनटंगा दियारा के ग्रामीण छंगूरी मंडल, राजकुमार रजक, व्यास जी दास, मनोज मंडल, विकास कुमार मंडल के अलावे दर्जनों लोगों ने बताया कि कटी हुई सड़क पर विधायक गोपाल मंडल के द्वारा थोड़ा बहुत ईट गिरवाया गया है।
जिससे सड़क आवागमन के लिए किसी तरह तैयार हो पाई है। दोपहिया वाहन तक किसी तरह गुजर जाती हैं, परंतु चार पहिए और लोड गाड़ियों नहीं गुजर पा रही है। जिससे दियारा क्षेत्र में रोजमर्रा की जरूरत की सामानों की कीमत व्यवसायियों के द्वारा मनमाने तरीके से वसूला जा रहा है। दियारा क्षेत्र में लगने वाले सब्जी हाट भी बाढ़ के कारण पिछले 20- 25 दिनों से बंद है। वहीं दूसरी तरफ आवागमन की सुविधा नहीं रहने के कारण स्वास्थ्य विभाग की एंबुलेंस भी दियारा क्षेत्र नहीं पहुंच पा रही है।
जिसके कारण यहां की प्रसूता को हॉस्पिटल पहुंचाने में उनके परिजनों को नाकों चने चबाना पड़ रहा है। लिहाजा आवागमन अवरुद्ध हो जाने से तीनटंगा दियारा के लोगों का जीवन रुक सा गया है। लोग घरों में अपने आपको कैद सा महसूस कर रहे हैं।
आपको बता दें कि यह वही सड़क है जिसके निर्माण के लिए तीनटंगा दियारा के ग्रामीण पिछले एक दशक से लगातार संघर्षरत है। इसके लिए ग्रामीणों के द्वारा डुमरिया पुल के पास 3 दिनों तक लगातार आमरण अनशन किया गया था। जिसके बाद ग्रामीण कार्य विभाग के अभियंताओं के द्वारा अनशन को किसी तरह समझा-बुझाकर तुरवा दिया गया था।
परंतु दयारा वासियों कि ये बदनसीबी रही है कि इतनी जर्जर सड़क रहने के बावजूद भी इस बार प्रकृति ने भी बचा-खुचा कोर कसर तवाही कर पूरा कर दिया।
वहीं दूसरी तरफ पूरा इलाका बाढ़ की चपेट में आ जाने से अधिकांश लोग कटरिया तीनटंगा पीडब्ल्यूडी सड़क मार्ग पर अपना आशियाना बना लिया है। साथ ही इन सड़कों पर अपने-अपने मवेशियों को भी रखने का काम कर रहे हैं। विकल्प नहीं रहने के कारण बाढ़ पीड़ित लोगों को इन्हीं सड़कों पर ही रात बिताना पड़ रहा है।
एक तरफ सड़कों पर मवेशी और बाढ़ पीड़ितों का बसेरा बना हुआ है तो वहीं दूसरी तरफ डुमरिया से तीनटंगा दियारा तक जर्जर सड़क होने से सड़क पर आवागमन करने वाले लोगों को मिनटों का सफर घंटों में करना पड़ रहा है। लिहाजा तीनटंगा दियारा के लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द डुमरिया तीन टंगा दियारा सड़क मार्ग को मोटरेबल बनाया जाए। ताकि चार पहिया वाहन लोड गाड़ियों के अलावे एंबुलेंस गाड़ी भी गांव तक पहुंच सके।