नगर पंचायत के एक बूथ से कुछ दूर हट कर एक प्रत्याशी के समर्थक गुप्त रूप से कार्यकर्ताओं के लिये विभिन्न तरह के इंतजामात के साथ डटे थे. तभी सड़क से एक बुजुर्ग मतदाता मतदान करने जाते दिखे. एक कार्यकर्ता ने उन्हें आवाज दी, आइए चचा जी, बस एक मिनट लेंगे. बुजुर्ग न चाहते हुए भी उक्त स्थल पर पहुंचे. उस कार्यकर्ता ने कहा चचा पहले नास्ता कर लिया जाय, रै पैकेट लाओ, पानी दो….बुजुर्ग ने कहा अभी तुरंत जलपान करने छियै.
कार्यकर्ता ने तपाक से कहा, फिर गुटखा खाइए चचा, रै मस्तबा (गुटखा) दो. बुजुर्ग सख्त हो गए, और आंखें तरेर कर कार्यकर्ताओं से कहा, सोचने रीहौ तोरह वोट देबै, लेकिन गलत सोचने रहियै, सुनी ले, पानी, पैकेट आरू गुटखा, यै सब पर बिकै वाला वोटर हम्में नय छिकियै. बुजुर्ग ने अपने पैकेट से रजनीगंधा का जीपर निकाल कर कार्यकर्ताओं को लेने का ऑफर किया. कार्यकर्ताओं का मुंह देखने लायक था. सबों ने न में जवाब दिया, बुजुर्ग मतदान केंद्र की ओर रुख कर चुके थे. कर्तकर्ता उन्हें एकटक देख रहे थे.