पति की लंबी उम्र की कामना के लिए मनाए जाने वाले वट सावित्री व्रत को लेकर महिलाओं की भारी भीड़ पूरे देश के साथ-साथ भागलपुर नवगछिया के मंदिरों और वट वृक्ष के नीचे देखी गई । ज्येष्ठ मास की अमावस्या के दिन मनाए जाने वाले पर्व को लेकर महिलाएं अहले सुबह से विभिन्न मंदिरों और वट वृक्ष के नीचे पहुंचकर पुरे आस्था, श्रद्धा और भक्ति के साथ पूजा अर्चना करते दिखीं,
ऐसी मान्यता है कि इस दिन सावित्री ने अपने पति के प्राण वापस लौटाने के लिए यमराज को विवश कर दिया था, इस व्रत वाले दिन वट वृक्ष का पूजन कर सावित्री-सत्यवान की कथा को याद किया जाता है, वट सावित्री व्रत को बिहार के साथ-साथ उत्तर भारत के कई इलाकों पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और उड़ीसा में भी मनाया जाता है,
वहीं महाराष्ट्र, गुजरात और दक्षिणी भारतीय राज्यों में इसके 15 दिन बाद यानी ज्येष्ठ शुक्ल पूर्णिमा को वट सावित्री व्रत रखा जाता है, इस दिन शादीशुदा महिलाएं सुबह जल्दी उठकर, स्नान कर सोलह सिंगार कर अपने पति की लंबी आयु के लिए वट वृक्ष के नीचे पहुंचकर उनका पूजन करती है क्योंकि ऐसी मान्यता है कि वटवृक्ष मैं सभी देवताओं का वास होता है,
और इस वृक्ष के नीचे सावित्री ने अपने कठोर तपस्या के बल पर मृत पति सत्यवान के प्राण यमराज से वापस लेकर उन्हें जीवित कर दिया था और यह वृक्ष सुहागिन महिलाओं के सुहाग की रक्षा करती है, सुहागिन महिलाओं के द्वारा अपने पति की रक्षा के लिए मनाए जाने वाले पर वट सावित्री पूजा को लेकर भागलपुर से जो तस्वीर सामने आ रही है यह तस्वीर कोरोना संक्रमण के चेन को बढ़ाने वाली हैं.
और जरूरत है इससे बचने की क्योंकि पूरे देश के साथ बिहार और भागलपुर में अभी भी लगातार कोरोना संक्रमित मरीज पाए जा रहे हैं और जिस तरह से महिलाएं कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन करते दिख रही थी , वह घातक साबित हो सकता है.