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राजधानी में पिछले छह से सात माह से नये कांट्रैक्ट किलरों ने पटना पुलिस की नींद उड़ा दी है। महज अपने शौक पूरा करने को इन्होंने जरायम की दुनिया में कदम रखा। पटना में हाल में हुई बड़ी वारदात में ऐसे सुपारी किलरों संलिप्त पाए गए हैं, जिनका पहले आपराधिक रिकॉर्ड नहीं था। कम उम्र के लड़के बिना सोचे-समझे बेधड़क होकर हत्या जैसी संगीन वारदात कर रहे हैं। बिलकुल प्रोफेशनल अंदाज में साजिशकर्ता से हत्या का सौदा करते हैं तथा रेट सेट होते ही वारदात को अंजाम दे डालते हैं।

जैसा काम वैसी रेट, एडवांस लेते हैं अपराधी

जैसा काम वैसी रेट के आधार पर ये अपराधी साजिशकर्ता से डीलिंग करते हैं। नये किलर कम से कम एक लाख रुपये में सौदा तय करते हैं। यदा-कदा 20 से 25 हजार में भी वे हत्या करने पर तैयार रहते हैं। यहां तक कि मास्टरमाइंड से एडवांस रकम भी ली जाती है। हाल ही में गोपालपुर में हुई महिला की हत्या की घटना में अपराधियों ने उसके पति से एडवांस के रूप में 50 हजार रुपये लिये थे।

दिखावे के लिए दूसरा काम पर इरादा खतरनाक

नये-नये पनपे कांट्रैक्ट किलर दिखावे के लिए दूसरा काम करते हैं, ताकि किसी को शक न हो। मगर उनका इरादा कुछ भी कर रुपये इकट्ठा करने का होता है। पुलिस की पूछताछ में कई सुपारी किलरों ने यह खुलासा किया है कि वे घर-परिवार और समाज को दिखाने के लिए किसी दुकान या निजी कंपनी में छोटे कर्मी के रूप में काम करते हैं।

29 जनवरी 2020 : टीपीएस कॉलेज के प्रोफेसर की हत्या

टीपीएस कॉलेज के प्रो. शिवनारायण राम के भाई वीरेंद्र राम पर ही उनकी हत्या की साजिश रचने का आरोप लगा। इस वारदात में कांट्रैक्ट किलरों की मदद ली गयी। इस वारदात को अंजाम देने में चार कांट्रैक्ट किलरों का हाथ था। दो लाख रुपये की सुपारी थी। इस घटना में शामिल अपराधी प्रेम ने पहले कोई वारदात नहीं की थी। वह दवा दुकान में काम करता था। अधिक पैसे की चाहत में उसने हत्या कर दी। प्रेम का आपराधिक रिकॉर्ड भी नहीं था। वहीं पीरबहोर इलाके का विकास कुमार उर्फ बिल्ला भी एक दुकान में काम करता था। उसी ने प्रोफेसर पर गोली चलाई थी, जबकि पीरबहोर इलाके के ही अवधेश व अमरजीत का भी आपराधिक रिकॉर्ड नहीं था। सभी अपराधी 25 से 30 साल के बीच के हैं।

27 मई 2020 : पुनपुन में पिंटू उर्फ छोटे हत्याकांड

पुनपुन थाना इलाके के पोठही गांव में हुई पिंटू उर्फ छोटे की हत्या उसी के साढ़ू रौशन कुमार ने करा दी थी। साली को लेकर रौशन और पिंटू के बीच विवाद था। परसा के रहने वाले विशाल, गौरीचक के धर्मवीर कुमार और परसा के पवन कुमार ने एक लाख 30 हजार रुपये में पिंटू की हत्या का ठेका लिया था। 30 हजार रुपये बतौर एडवांस लिये गए थे। तीनों किलरों की उम्र 20 साल है। दिखावे के लिये ये किसी दुकान में कुछ दिनों के लिये काम कर वहां नौकरी छोड़ दिया करते थे। अधिक रुपये के लालच में इन्होंने हत्या का ठेका लिया था।

नये कांट्रैक्ट किलरों से पुलिस ने पूछताछ की तो पता चला कि पूर्व में उनका आपराधिक रिकॉर्ड नहीं रहा है। कई युवकों ने रुपये की लालच में पहली बार घटना को अंजाम दे डाला। ऐसे किलरों की बाकायदा एक सूची तैयार की जा रही है, ताकि हमेशा उन पर नजर रखी जा सके।
-जितेंद्र कुमार, एसपी सिटी पूर्वी

बच्चों पर नजर रखें अभिभावक

गलत पालन-पोषण और अविलंब रुपये की चाहत से कुछ युवा रास्ते से भटक जाते हैं। गलत चीजें कुछ युवकों को जल्दी प्रेरित करती हैं। सबसे पहले परिजनों का यह दायित्व है कि वे अपने बच्चे की हर गतिविधियों पर नजर रखें, ताकि समय रहते उन्हें सुधारा जा सके। कम उम्र में ही बच्चों को अच्छी सीख दी जा सकती। – संजय कुमार सिंह, आईपीएस

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