- पंडित शंभुनाथ वैदिक किया है गांव का सम्यक अध्ययन
नवगछिया – इलाके में खगड़ा वाली वामकाली मैया भक्तों के बीच काफी प्रसिद्ध हैं. यहां माता के स्थान को शक्तिपीठ कहा जाता है. पूजा शैव सम्प्रदाय पद्धति या कहें औघड़ प्रद्धति से होती है. यही कारण है यहां बली प्रथा आज भी कायम है. इलाके के आध्यात्मिक इतिहास की जानकारी रखने वाले अन्वेषक आचार्य पंडित शंभूनाथ वैदिक वेदाचार्य कहते हैं कि खगड़ा पौराणिक गांव है.
उन्होंने कहा कि जानू ऋषि के पुत्र महर्षि ऐतरेय और महर्षि वशिष्ठ की यह कर्मभूमि रही है. एक समय में इस गांव को वशिष्ठ ग्राम नाम दिया गया जो कालांतर में बसंतपुर हुआ और वर्तमान में खगड़ा गांव के नाम से जाता है. पंडित शंभूनाथ वैदिक ने कहा कि कई शास्त्रों में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से उल्लेख मिलता है कि यहां का वाम काली मंदिर साधकों और उपासिकों का प्रमुख केंद्र था.
भक्ति काल में दरभंगा समेत अन्य राज्यों के राजाओं द्वारा भी यह देवी पूजित है. पंडित श्री वैदिक ने कहा वर्तमान में माता भक्तों की मनोकामना पूर्ण करती हैं और भक्तों को मोक्ष का वरदान देती हैं. लोगों के बीच मान्यता है कि मंदिर का क्षेत्र ब्रह्म भाव में हैं, यहां आने पर लोगों को शांति मिलती है. वर्तमान में इस मंदिर में धूमधाम से पूजा अर्चना की जाती है.