बिहपुर – बुधवार को सुफी संत हजरत सैयदना हुजूर मोहब्बत शाह रहमतुल्लाह अलैह एवं हजरत सैयदना हुजूर अलैहदाद शाह रहमतुल्लाह अलैह के दो दिवसीय उर्स ए पाक बडे ही धुमधाम से समापन हो गया. सुबह सात बजे से नौ बजे तक तक पैगम्बर मौहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहु अलैहे वसल्लम के मुए मुबारक की जियारत मुरीदीन जायरीन को करायी गयी।पूरा खानका परिसर मुरीदीन से भड़ा पड़ा था.दस बजे दिन से खानका परिसर मे महफिले शमा व कब्बाली का हुआ.जलसे का संचालन मौलाना साजिद रजा ने किया.
उर्स ए पाक व जलसे की सदारत कर रहे खानका के सज्जादानशी हजरत अली कौनैन खान फरीदी एव नायव सज्जादानशी हजरत अली शब्बर खान फरीदी ने बताया कि पैगम्बर मौहम्मद मुस्तफा से सच्ची मोहब्बत ही सफलता की कुंजी है.इससे पूर्व मंगलवार को देर रात तक आयोजित जलसे मे देश के कोने कोने से आये हुये औलमाए कराम ने उनके जीवन पर प्रकाश डालते हुये कहा कि जो भी लोग सच्चे मने से मन्नत मागते हैं और लंगर का भोजन करते है. उनकी मुराद पुरी होती हैं।
जलसे की शुरूआत हाफिज काडी आमीर आजम ने तिलावते कुरान शरीफ कर किया था. हिन्दुस्तान के मशहूर मौलाना गुलाम रसूल बलयाबी ने कहा कि खानकाहो के बलियो व वुजूरगो से सच्ची मोहब्बत और निसबत रखनी चाहिए।क्योंकि उनकी दुआ को खुदा कबूल करता है.खगडिया के मौलाना अबूसालेह फरीदी ने भी कहा कि औलिया ए कराम के से प्रेरणा लेना चाहिए तथा उनके बताए हुये रास्ते पर चलना चाहिए.
इस अबसर पर कर्रार खान फरीदी,पिरे तरिकत हजरत बली आलम बली नकशवंदी भागलपुर ,जिप सदस्य मोइन राईन, रहबर खान ,रहनुमा खान ,लालू खान, हस्सान खान , कैफ खान , अमानुल हक , गुलाम पंजतन , मौलाना मोबबशीर, मौलाना राकीब रजा, मौलान शमसीर आलम आदि मौजूद थे.