भागलपुर के पोठिया ओपी से पुलिस और सरपंच की गुंडागर्दी, तानाशाही फिर से एक बार देखने को सामने आई है, एक 20 वर्षीय युवक को हाजत में बंद करता है फिर जमकर सरपंच और थाने की पुलिस पिटाई करती है उसके बाद भी मन नहीं भरता है तो उसे आम के पेड़ से बांधकर मन भर कर पीटता है जिससे उसकी तबीयत खराब हो जाति है, इलाज के लिए वह जाता है मायागंज अस्पताल और वही इलाज के दरमियान मौत हो जाती है आखिर यह कैसी पुलिसिया तानाशाही, यह सवाल सीधे खाकी वर्दी पर उठ रही है, क्या इसके ऊपर कोई नियम कायदा कानून नहीं?
क्या है मामला…..
जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा अस्पताल में इलाज के दौरान कटिहार जिला के पोठिया थाना क्षेत्र के रहने वाले 18 वर्षीय बाला कुमार यादव की मौत हो गई। मौत के बाद मृतक के पिता ने कटिहार जिला के पोठिया ओपी प्रभारी संजय सिंह और पैक्स अध्यक्ष दिलीप यादव और उनके पुत्रों पर थाने में रखकर पिटाई करने का आरोप लगाया है। वही इन का कहना है कि पिटाई के कारण ही युवक की मौत हुई है। मृतक के पिता का कहना है कि 19 तारीख को उनके बेटे का एक्सीडेंट कुसियारी मोड़ के पास हुआ था जिसमें उनके बेटे के मोटरसाइकिल से बकरी की धक्का के लगने के कारण मौत हो गई थी। जिसके बाद पोठिया थाना पुलिस बाला कुमार को थाने ले गई और वहां हाजत में बंद कर दिया। जिसके बाद पैक्स अध्यक्ष और थाना प्रभारी के द्वारा बेटे की बुरी तरह से पिटाई की गई और गले में गमछा बांधकर खींचा गया वही उल्टा लटका कर भी उसकी पिटाई की गई। पिता का कहना है कि पैक्स अध्यक्ष की बेटी 18 तारीख को गायब हो गई थी और उसी को भगाने का आरोप बेटे पर लगाकर उसकी पिटाई रात भर की गई। वही 20 तारीख को बेटे को छोड़ दिया गया। जिसकी हालत गंभीर देख कर पहले उसे पूर्णिया के अस्पताल में भर्ती कराया गया था और वहां हालत बिगड़ने पर जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा अस्पताल में भर्ती कराया गया।
जहां इलाज के क्रम में उसकी मौत हो गई। वही यहां पर भी अस्पताल में बरारी पुलिस के द्वारा फर्द बयान नहीं लिया गया। वही सिर्फ पोस्टमार्टम के लिए शव भेज दिया गया है। मृतक के पिता का कहना है कि पोठिया थाना प्रभारी यहां भी आए थे और पुलिस वालों से बातचीत कर धमकी देकर गए हैं। वही बेटे की मौत के बाद पिता न्याय की मांग कर रहा है।
असहाय पिता का रो रो कर बुरा हाल है
मृतक के पिता ने कहा हमारे बेटे को पुलिस और वहां की सरपंच दोनों मिलकर इतने बुरी तरीके से पीटा है जिससे उसकी मौत हो गई पहले उसे हाजत में पीटा गया फिर आम के पेड़ से लटका कर और जब वह इलाज के लिए मायागंज गया सुबह मुंह से खून का वह मीटिंग ही करता रहा जब तक इलाज हो पाता तब तक वह अपनी जीवन लीला समाप्त कर चुका था आखिर इतनी गुंडागर्दी पुलिस यह कहने से क्यों ?पुलिस अगर गुंडा बन जाएगी तो हमलोग किसके शरण में जाएंगे?