भागलपुर/ निभाष मोदी
भागलपुर, चार दिवसीय छठ पर्व की शुरुआत 28 अक्टूबर को नहाय- खाय के साथ प्रारंभ हुआ फिर दूसरे दिन खरना और तीसरे दिन अस्ताचल सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा, भागलपुर जिला के तिलकामांझी सुरखीकल मिश्रा टोला की रहने वाली संध्या मिश्रा ने बताया कि वह इस बार 121 सूप की पूजा कर रही है और भारतवर्ष के कई राज्यों के 62 परिवारों का सूप है जिसमें बेंगलुरु रांची नागपुर पटना देवघर के अलावे कई राज्यों के परिवारों का सूप शामिल है, बताते चलें कि सुर्खिर्कल मिश्रा टोला की रहने वाली संध्या मिश्रा विगत 34 वर्षों से लगातार सबसे ज्यादा सूप की पूजा करती आ रही है उन्होंने बताया कि कोरोना काल में मेरी तबीयत खराब हो गई थी फिर भी मैंने छठ पर्व का व्रत नहीं छोड़ा वहीं पिछले साल ऑपरेशन भी हुआ था फिर भी मैंने छठ व्रत को किया और इतने वर्षों से लगातार मैं सैकड़ों सुपों की पूजा करती आ रही हूं यह सूर्य भगवान और छठी मैया का ही वरदान है।
छठ पर्व को लेकर पकवान बनाने हो गए हैं शुरू
महापर्व छठ को लेकर पकवान बनने शुरू हो गए हैं जिसमें कई युवतियां व महिलाएं पूरे नेम निष्ठा व शुद्धता के साथ पकवान बनाने में लगी हुई है, ठेकुआ और चावल का लड्डू छठ पर्व पर विशेष रूप से प्रसाद के तौर पर तैयार किया जाता है। वही निधि मिश्रा ने बताया कि छठ पर्व प्रकृति से जुड़ा पर्व है इसमें हरे बांस का बना सूप डाला मिट्टी का चूल्हा आम की लकड़ी कबरंगा सुथनी जैसे कई ऐसे दुर्लभ चीज है जो हमें प्रकृति से जोड़ती है साथ ही सबसे बड़ी बात है कि हम लोगों का परिवार पूरे भारतवर्ष में कई राज्यों में रहता है लेकिन इस आस्था व पवित्रता का महान पर्व छठ पर्व में सभी एक जगह एकत्रित होते हैं और काफी नेम निष्ठा से छठ का पर्व मनाते हैं इसमें पकवान बनाते समय काफी शुद्धता का ध्यान रखते हैं वही गेहूं सुखाने से लेकर उदयीमान सूर्य के अर्घ्य देने तक हम लोग पूरी नेम निष्ठा और सतर्कता बरतते हैं ।