रिपोर्ट: निभाष मोदी, भागलपुर l
भागलपुर,आज पूरे शहर में होलिका दहन का कार्यक्रम नेम निष्ठा से किया गया, बताते चलें कि होलिका का दहन समाज की समस्त बुराइयों के अंत का प्रतीक है यह बुराइयों पर अच्छाइयों की विजय का सूचक है पूरे शहर के हर चौक चौराहों पर लोग देर रात तक होलिका दहन का कार्यक्रम करते दिखे।
होलिका दहन में आज झंडा गाड़ने की परंपरा है पर्व के पहले दिन होलिका दहन मे हर चौक चौराहों पर लकड़ी एकत्रित कर होलिका दहन के लिए भर बोलिए गाय के गोबर से बने ऐसे उपले होते हैं जिसके बीच में छेद होता है इस क्षेत्र में मूंज की रस्सी डालकर माला बनाई जाती है एक माला में 7 भरभूली होते हैं
।होली में आग लगने से पहले इस माला को भाइयों के सिर के ऊपर से 7 बार घुमाकर फेंक दिया जाता है रात को होलिका दहन के समय हमारा फुलकी के साथ जला दी जाती है इसका यह आशा है कि होली के साथ भाइयों पर लगी बुरी नजर भी जल जाए।
होलिका दहन का यह कार्यक्रम मुख्य रूप से खलीफाबाग चौक, स्टेशन चौक ,मानिक सरकार चौक ,आदमपुर चौक के अलावे दर्जनों जगहों पर की गई।