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भागलपुर बिहार में भीषण गर्मी से लोग तप रहे हैं,मौसम विभाग की मानें तो यहां का औसतन पारा 43 डिग्री रहा है। सभी स्कूलों में गर्मी की छुट्टियां हैं,लेकिन काम काज के सिलसिले से लोगों को बहार निकलना पड़ता है। अमूमन गर्मी के समय पानी की सबसे ज्यादा आवश्यकता होती है।भागलपुर की अगर बात करें तो यहां का तापमान भी 40 डिग्री के पार ही है। सुबह होते ही लू का प्रकोप प्रचंड रूप से बोलने लगता है। वही गंगा के जलस्तर घटने से शहर की भीड़भाड़ वाली आबादी पानी की किल्लत से त्रस्त है। अस्पतालों में इलाजरत मरीज पानी के लिए तरस रहे हैं। हम बात कर रहे हैं पूर्वी बिहार के सबसे बड़े अस्पताल मायागंज की तपती झरक में लोग दूर-दराज से इलाज कराने इस अस्पताल में आते हैं। लेकिन सबसे बड़ी विडंबना तो तब सामने आती है, जब अस्पताल आए मरीजों को यहां पानी तक नहीं मिलता।

अधिकांश लोग मध्यम परिवेश से यहां सस्ते इलाज के लिए इस सरकारी अस्पताल आते हैं। लेकिन इलाज से ज्यादा तो बाहरी खर्चे ही मरीजों की कमर तोड़ रखी है। बता दें कि सरकार गर्मियों के मौसम में सभी सरकारी कार्यालय में आने वाले फरियादियों के लिए पानी की सुगम व्यवस्था बनाए रखने को लेकर निर्देश जारी किया है। गौरतलब हो कि सूबे में एक बार फिर महागठबंधन की सरकार बनी है,और यहां के उपमुख्यमंत्री सह स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव प्रदेश की लचर स्वास्थ्य व्यवस्था को अपने पैरों पर खड़ा करने की बात करते हैं। लेकिन इतने बड़े अस्पताल में मरीजों के लिए पानी की कुव्यवस्था अपने में ही एक
बड़ा सवाल है।

लोगों ने कहा एक तरफ़ गर्मी की मार दूसरी तरफ पानी के लिए चुप क्यों है सरकार।

हमारे संवाददाता ने जब पड़ताल की तो मायागंज में इलाजरत मरीजों और उनके परिजनों ने बताया कि,काफी समय से वे लोग मायागंज अस्पताल में है लेकिन यहां मरीजों अनुकूल कोई व्यवस्था नहीं है। पीने के पानी को लेकर अस्पताल प्रबंधन से पूछे जाने पर बार-बार टालमटोल कर जवाब दिया जाता है।कभी मोटर खराब तो कभी गंगा के जलस्तर का हवाला देने वाली मायागंज अस्पताल उन्हें पानी के लिए तरसना पड़ रहा है। बता दें कि इस अस्पताल में निगम के मोटरवर्क्स से पानी का कनेक्शन नहीं है,सभी मोटर निजी तौर पर अस्पताल प्रबंधन के ही है।

अक्सर मोटर रहता है खराब…

बातचीत के क्रम में मरीजों ने बताया कि सुबह अगर पानी मिल भी जाए तो दोपहर से पानी की एक बूंद तक नसीब नहीं होती अक्सर अस्पताल का मोटर खराब ही रहता है। ओपीडी में भी बीते दिन तक पानी की सप्लाई नहीं हो रही थी। जबकि अस्पताल में मेडिकल के छात्र-छात्राएं भी रहते हैं,और वहां भी पानी की किल्लत झेलनी पड़ रही है। हिट वेब चल रहा है, और परिजनों को अपने मरीजों को बाहर से पानी की बोतल खरीदने में पैसे खर्च करने पड़ रहा है। मरीजों ने बताया कि भीषण झरक में अस्पताल परिसर में पंखे भी सिर्फ छत पर टांगे हुए नजर आते हैं। तेजस्वी यादव स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों के साथ बैठक करते हैं,उन्हें मरीजों के प्रति संवेदना और फ्रेंडली माहौल के साथ सभी अस्पतालों में सभी सुख सुविधा सुनिश्चित कराने का दावा करते हैं। लेकिन आम लोगों की मानें तो मायागंज अस्पताल के अधिकारी हाल समाचार तो दूर पद के रूबाब में मरीजों की बात तक नहीं सुनते। इस मुद्दे पर राज्य में विपक्ष की भूमिका में.

भाजपा का बिहार सरकार से सीधा सवाल।

बीजेपी हमलावर हो रही है भाजपा नेता गौतम कुमार उर्फ बंटी यादव ने कहा कि, स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी जी सरकारी अस्पतालों का औचक निरीक्षण करते हैं उन्हें भागलपुर के मायागंज अस्पताल की बदहाली को भी देखना चाहिए, दशकों से मायागंज अस्पताल की व्यवस्था आम जनता के लिए एक गंभीर समस्या का विषय रहा है। इस मसले पर अस्पताल अधीक्षक उदय नारायण सिंह से जब हमने बात करने की कोशिश की तो उन्होंने कड़े लहजे में कुछ भी कहने से साफ इनकार कर दिया अधीक्षक ने कहा कि पानी की समस्या देखना उनका काम नहीं वह कोई पीएचईडी विभाग के इंजीनियर नहीं है जो पानी की समस्या से लोगों को अवगत कराएंगे। बहरहाल सरकार एक ओर जहां अपने वायदे की उपलब्धि गिनाते नहीं थकती, वहीं मायागंज अस्पताल में अफसरशाही चरम पर है।

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