आरपीएफ नवगछिया में लगातार पांच साल तक अपनी बेदाग सेवा देने वाले तुलसीपुर निवासी कुमार गौरव (40) लगभग एक साल तक जीवन और मौत से जूझने के बाद 23अगस्त मंगलवार की दोपहर लगभग डेढ़ बजे इस जंग को हार गए। वे अपने पीछे दो बेटी नन्ही परी (11), सोनपरी (7) और ढाई साल का एक पुत्र शौर्य को पत्नी प्रियंका कुमारी के भरोसे छोड़ दिल्ली एम्स में उन्होंने अपनी अंतिम सांस ली। कुमार गौरव के निधन की खबर पूरे नवगछिया अनुमंडल में काफी तेजी से फैल गई।
जिसे सुनते सभी स्तब्ध रह गए। आरपीएफ नवगछिया इंस्पेक्टर मृणाल कुमार एवं सभी आरपीएफ कर्मियों के साथ साथ नवगछिया स्टेशन कर्मियों और नगर के सभी प्रमुख लोगों ने शोक संवेदना व्यक्त की है।परिजनों से मिली जानकारी के अनुसार लगभग साल भर पहले ड्यूटी के दौरान ही नवगछिया पोस्ट पर कुर्सी से गिर पड़े थे। जिन्हें तत्काल अनुमंडलीय अस्पताल नवगछिया लेजाया गया था। जहां से बेहतर इलाज के लिए उसे भागलपुर रेफर कर दिया गया। पुनः भागलपुर से सिलीगुड़ी रेफर किया गया।
जहां ब्रेन ट्यूमर बताया गया था। इसके बाद गढ़हरा रेलवे अस्पताल में भी इलाज चलने के बाद बेहतर इलाज के लिए एम्स दिल्ली ले जाया गया था। इसी दौरान नवगछिया पोस्ट पर पांच साल पूरा हो जाने के कारण कुमार गौरव का विभागीय तबादला बिहपुर कर दिया गया। छह माह से वेतन भी नहीं मिल पाया है। इधर उनका पार्थिव शरीर कल शाम को पांच बजे लगभग पैतृक गांव तुलसीपुर पहुंचने की संभावना है।