पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी जिले में बीते सोमवार को हुए भयानक रेल हादसे ने पूरे देश को झकझोर दिया था। न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन के पास एक मालगाड़ी ने कंचनजंघा एक्सप्रेस को पीछे से टक्कर मार दी, जिससे ट्रेन की एक बोगी उछलकर दूसरी बोगी के ऊपर चढ़ गई। इस भयानक हादसे में 15 लोगों की जान चली गई और 60 अन्य घायल हो गए।
हालांकि, अब इस हादसे की जगह पर एक अजीबो-गरीब माहौल देखने को मिल रहा है। जहां एक तरफ हादसे के बाद लोगों की चीख-पुकार और मातम छाया था, वहीं अब वहां लोग सेल्फी खींचने और रील बनाने के लिए उमड़ रहे हैं। स्थानीय लोगों ने मौके पर पानी और नाश्ता बेचने का भी कारोबार शुरू कर दिया है, जिससे यह स्थल अब एक प्रकार के पर्यटन स्थल में बदल गया है।
हादसे की जगह पर जुट रही भीड़
घटनास्थल पर बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं, जिनमें से कई लोग दूर-दराज के इलाकों से किराए की गाड़ी लेकर आ रहे हैं। माटीगारा, फुलबारी और बागडोगरा जैसे स्थानों से लोग बाइक, स्कूटर और कारों में सवार होकर घटनास्थल पर पहुंच रहे हैं। एक युवक मोहम्मद रज्जाक ने कहा, “मैंने केवल ऐसी दुर्घटनाओं के बारे में सुना था, लेकिन कभी वास्तविक रेल दुर्घटना नहीं देखी थी।”
सेल्फी और रील्स का जुनून
लोग हादसे वाली जगह पर पहुंचकर क्षतिग्रस्त डिब्बों के पास सेल्फी और रील बना रहे हैं। एक महिला अपने परिवार के साथ पलटे हुए कोच के बाहर खड़े होकर तस्वीरें ले रही थी। उसने बताया कि घटनास्थल पर पहुंचने के लिए उसे बागडोगरा से एक घंटे की यात्रा करनी पड़ी।
यात्रियों की छोड़ी चीजों की लूट
कुछ अति उत्साही लोगों ने क्षतिग्रस्त डिब्बों में घुसकर रेल यात्रियों द्वारा छोड़ी गई वस्तुओं को उठा लिया। पुलिस को भीड़ को नियंत्रित करने में काफी मुश्किलें आ रही हैं। एक वरिष्ठ रेलवे अधिकारी ने बताया, “हम उन स्थानीय लोगों के आभारी हैं जिन्होंने सबसे पहले बचाव अभियान शुरू किया, लेकिन अब जब हमने स्थिति को नियंत्रण में कर लिया है और सामान्य सेवाएं फिर से शुरू करने की कोशिश कर रहे हैं, तो इन स्थानीय लोगों को पटरियों से दूर रखना एक चुनौती साबित हो रहा है।”
इस घटनास्थल का मौजूदा हालात न केवल दुखद है, बल्कि यह सोचने पर मजबूर करता है कि हमारी संवेदनाएं कहाँ जा रही हैं। एक भयानक हादसे की जगह को पर्यटन स्थल में बदलने का यह रवैया निश्चित रूप से चिंताजनक है।